ये है दुनिया का सबसे बड़ा हिमखंड, आकार में टाइटैनिक से टकराने वाले हिमखंड से कई गुना बड़ा
दुनिया का सबसे बड़ा हिमखंड (A23a) हर रोज 1 से 2 किलोमीटर तक का सफर कर रहा है. क्या आप जानते हैं कि इस हिमखंड का आकार कितना बड़ा है और इससे दुनिया को क्या खतरा है.
सोशल मीडिया पर आप कई बार बड़े-बड़े आकार के हिमखंडों के फोटोज देखते होंगे. ये हिमखंड विशाल समुंद्रों में दशकों से तैर रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा हिमखंड कहां पर है और इसका नाम क्या है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर दुनिया का सबसे बड़ा हिमखंड कहां से आया और किस तरफ जा रहा है.
हिमखंड
सबसे पहले ये जानते हैं कि हिमखंड क्या होता है. बता दें कि हिमखंड असल में बर्फ का वो टुकड़ा है, जो ग्लेशियरों या शेल्फ बर्फ से टूटकर खुले पानी में तैर रहा है. आज हम जिस हिमखंड की बात कर रहे हैं, इसे ए23ए (A23a) के नाम से जाना जाता है. यह कोई मामूली हिमखंड नहीं बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा हिमखंड है.
कितना बड़ा ये हिमखंड
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक यह लगभग 35 साल पहले अंटार्कटिका के तट से टूटकर अलग हो गया था और तैरते-तैरते दक्षिणी समुद्र में जाकर अटक गया था. लेकिन 2020 में यह फिर सफ़र पर निकल पड़ा है. जानकारी के मुताबिक ये एक खरब टन की जमी हुई बर्फ़ का आइसबर्ग है, जो समुद्र में आगे बढ़ रहा है. मैसेच्यूसेट्स स्थित वुड्स होल ओशनोग्राफ़िक इंस्टीट्यूशन में ग्लेसियोलॉजिस्ट वैज्ञानिक डॉक्टर कैथरिन वाकर बताती हैं कि दरअसल आइसबर्ग या हिमखंड बर्फ़ का एक विशाल टुकड़ा होता है, जो पृथ्वी की दक्षिणी आइस शीट यानि बर्फ़ीली चादर- अंटार्कटिका और उत्तरी ध्रुव की आइस शीट यानि ग्रीनलैंड आइस शीट से टूटकर बिखर जाते हैं.
बीबीसी से बातचीत में कैथरिन वाकर ने बताया कि अंटार्कटिका ग्रीनलैंड से 10 गुना बड़ा है. ग्रीनलैंड लोरेंटाइड आइस शीट या बर्फ़ीले इलाक़े का हिस्सा था, जो हिमयुग के दौरान अमेरिका और यूरोप में फैला हुआ था. लेकिन अब वो पिघल कर सिकुड़ गया है. हालांकि अंटार्कटिका की स्थिति कुछ अलग है. क्योंकि अंटार्कटिका की आइस शीट भी हज़ारों साल पुरानी है. लेकिन यह पत्थर पर बिछी है, जिसकी वजह से यह अभी तक बरकरार है और बढ़ती गर्मी का इस पर उतना ज़्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है.
अंटार्कटिका के आइसबर्ग ज्यादा बड़े
बता दें कि अंटार्कटिका और ग्रीनलैंड में एक और अंतर है, जिसकी वजह से अंटार्कटिका के हिमखंड यानी आइसबर्ग ज़्यादा बड़े होते हैं. कैथरिन वाकर के मुताबिक ग्रीनलैंड के आइस शेल्फ़ पिघल कर सिकुड़ते चले गए हैं. लेकिन जब अंटार्कटिका के आइस शेल्फ़ के किनारे पतले हो जाते हैं, तो वो टूट कर बिखरते हैं और पानी में तैरने लगते हैं. लेकिन यह टूटे हुए आइस शेल्फ़ पिघलते और जमते रहते हैं और अंटार्कटिका की आइस शीट के इर्द-गिर्द एक बाड़ का काम करते हैं, जिसकी वजह से वो समुद्र के गर्म पानी से बचा रहता है.
वहीं दुनिया की सबसे बड़ी आइस शेल्फ़ ‘रॉस आइस शेल्फ़’ कहलाती है. इसका सामने वाला हिस्सा जो समुद्र को छूता है, वह 200 मीटर मोटा है, जबकि पिछला हिस्सा जो अंटार्कटिका से जुड़ता है वो एक किलोमीटर गहरा होता है. लेकिन एक समय ता है, जब यह पतला होते होते आइस शेल्फ़ या बर्फ़ की चट्टान से टूट कर अलग हो जाता है. इस प्रकार आइसबर्ग का जन्म होता है और इसे ‘काविंग’ भी कहते हैं.
शहरों के बराबर हिमखंड
डॉक्टर कैथरिन ने बताया कि कुछ हिमखंड छोटे होते हैं, लेकिन कुछ किसी बड़े शहर से भी बड़े होते हैं. हालांकि कई बार कुछ छोटे हिमखंड जहाज़ों के लिए ख़तरा बन जाते हैं, क्योंकि वो आसानी से दिखाई नहीं देते हैं.
दुनिया का सबसे बड़ा हिमखंड
डॉक्टर कैथरिन के मुताबिक अभी A23a दुनिया का सबसे बड़ा गतिमान हिमखंड है. जानकारी के मुताबिक यह चौकोर है और दोनों दिशाओं में 60 किलोमीटर तक फैला है. इतना ही नहीं यह लगभग 300 मीटर मोटा है, जिसका 10 प्रतिशत हिस्सा पानी की सतह के ऊपर है. वहीं हिमखंडों का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा पानी की सतह के नीचे तैरता है. बता दें कि A23a उस हिमखंड से हज़ारों गुना बड़ा है, जिससे टकरा कर टाइटैनिक जहाज़ डूब गया था.
गतिमान हिमखंड की क्या स्पीड?
डॉक्टर ओलिवर मार्श ने बीबीसी को बताया कि अंटार्कटिका से हिमखंड समुद्री धाराओं के साथ बहते हुए वेडेल सागर तक पहुंच जाते हैं. जिसके बाद वहां से अंटार्कटिका प्रायद्वीप के पूर्व में एक ऐसे क्षेत्र से गुज़रते हैं, जिसे हम आइसबर्ग एली यानी हिमखंडों की पगडंडी कहते हैं. जानकारी के मुताबिक A23a फ़िलहाल एक से दो किलोमीटर प्रतिदिन की रफ़्तार से सफ़र कर रहा है. इसकी रफ़्तार हवा, समुद्री धारा और मौसम पर निर्भर करता है.
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