फ्रांस के स्कूलों में मुस्लिम छात्राओं के अबाया पहनने पर रोक लगाने का फैसला किया गया है. स्कूलों में धर्मनिरपेक्ष कानून लागू होने की वजह से यह फैसला लिया गया है और अब स्कूलों में छात्राएं अबाया पहनकर नहीं आ सकेंगी. दरअसल, 4 सितंबर से देशभर में स्कूल फिर से खुल रहे हैं और उसके बाद से अबाया पर बैन लगाने की मांग है. इस बैन के बाद माना जा रहा है कि इसे लेकर फ्रांस में विवाद भी हो सकता है. अबाया के बैन के बाद लोगों के मन में सवाल है कि आखिर ये क्या होता है और ये हिजाब और बुर्के से कितना अलग है?


दरअसल, इस्लाम में चेहरे और बाल को ढकने के लिए अलग अलग अटायर का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें हिसाब, बुर्का, नकाब, अबाया आदि शामिल है. तो जानते हैं कि आखिर इन सभी में क्या फर्क है...


क्या होता है अबाया?


अबाया एक ऐसा परिधान होता है, जो मुस्लिम महिलाएं शरीर को ढकने के लिए काम में लेती हैं. अबाया सिर से लेकर पांव तक होता है और पूरे शरीर को ढकता है. जैसे हिसाब और नकाब आदि सिर्फ चेहरे को ढकने का काम करते हैं, लेकिन अबाया में पूरे शरीर को ढका जाता है. यह काफी ढीला-ढाला होता है और एक बड़े से ढीले कपड़े की तरह होता है. इसे वो महिलाएं ज्यादा फॉलो करती हैं, जो महिलाओं के शरीर से चिपके टाइट कपड़ों के खिलाफ हैं. यह पूरे शरीर को ढकता है और काफी ढीला रहता है. 


इसका इस्तेमाल उत्तरी अफ्रीका और अरब के देशों में किया जाता है और इसे भी कपड़ों के ऊपर पहना जाता है. इसमें हार और पैर की उंगलियां दिखती हैं. अगर बुर्के से अंतर की बात करें तो बुर्के में चेहरे पर पर्दा होता है और सिर्फ आंखों के आगे गैप होता है. 


क्या होता है हिजाब?


दुनिया में कई बार हिजाब बैन को लेकर भी विवाद हो चुके हैं. वैसे हिजाब सिर्फ कंधे के ऊपर के हिस्से को ढकने के लिए काम में लिया जाता है. आमतौर पर मुस्लिम महिलाएं सिर्फ बाल ढकने के लिए हिजाब का इस्तेमाल करती हैं और इसमें चेहरा दिखाई देता है. ये नकाब से अलग है. हिजाब के जरिए बाल और गले को ढकने का काम किया जाता है. कई महिलाएं हिजाब पहनती हैं, लेकिन कंधे से नीचे आम कपड़े पहनती हैं और सिर्फ हिजाब पहनती हैं. मगर अबाया में बुर्के की तरह पूरे शरीर को एक कपड़े से ढका जाता है. 


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