Abortion Law: गर्भपात को लेकर एक महिला ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, उसने अपने 26 हफ्ते के भ्रूण को गिराने की मांग की है. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने सुनवाई की, जिनमें से एक जज ने माना कि महिला के फैसले का सम्मान करना चाहिए, वहीं दूसरी जज ने कहा कि कोई भी कोर्ट बच्चे की सांसे खत्म करने का फैसला नहीं सुना सकता है. फिलहाल मामला चीफ जस्टिस को ट्रांसफर कर दिया गया है. इसी बीच हम आपको ये बता रहे हैं कि दुनियाभर के वो कौन से देश हैं, जहां पर गर्भपात की इजाजत नहीं है.
इन देशों में गैरकानूनी है गर्भपात
दुनिया के ज्यादातर देश अब इस बात को लेकर बहस कर रहे हैं कि गर्भपात की इजाजत देनी चाहिए या फिर नहीं... इसके अलावा इसके सही समय को लेकर भी लगातार चर्चा होती है. कई देशों में गर्भपात को पूरी तरह से गैरकानूनी माना जाता है. यानी यहां पर गर्भपात कराने पर पूरी तरह से रोक है. इन देशों में पलाऊ, जमैका, मेडागास्कर, माल्टा, मॉरिटानिया, सैन मैरिनो, लाओस, कुराकाओ, अंडोरा, कांगो, इराक, अल सल्वाडोर, मिस्र, फिलीपींस, वेस्ट बैंक और अरूबा जैसे देश शामिल हैं. इन देशों में अबॉर्शन इमरजेंसी के हालात में ही संभव है.
भारत में क्या है नियम?
इसके अलावा भारत समेत कई देश ऐसे भी हैं, जहां पर गर्भपात कराया जा सकता है. इन देशों में गर्भपात के लिए अलग-अलग सीमा तय की गई है, यानी गर्भवती होने के कितने हफ्ते के भीतर अबॉर्शन कराना है, ये पहले से तय है. भारत में अब 24 हफ्ते तक की गर्भवती का अबॉर्शन कराया जा सकता है. हालांकि ये कुछ खास परिस्थितियों में ही होता है. इसके लिए पूरी गाइडलाइन बनाई गई है. 12 से 20 हफ्ते में गर्भपात के लिए एक डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है. 20 से 24 हफ्ते के गर्भपात के लिए दो डॉक्टरों की सलाह की जरूरत होगी.