आदित्य L-1 से पहले सूर्य की सतह तक पहुंच चुका है नासा का ये अंतरिक्ष यान
इसरो एक बार फिर इतिहास रचने को तैयार है. चंद्रयान 3 की चांद पर सफल लैंडिंग के बाद आज सूर्य की रिसर्च के लिए आदित्य एल-1 मिशन को लॉन्च करेगा.
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चंद्रयान 3 की सफलता की गाथा लिखने के बाद इसरो एक नया अध्याय लिखने को फिर से तैयार है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान सूरज पर रिसर्च के लिए आज आदित्य एल-1 (Aditya-L1) मिशन लॉन्च करेगा. हालांकि इससे पहले 20 से ज्यादा मिशन सूर्य पर भेजे जा चुके हैं. जिनमें कई अलग-अलग देशों को सफलता भी मिली है. भारत से पहले अमेरिका ने भी सूर्य पर अपने अंतरिक्ष यान को भेजा है. आइए विस्तार से जानते हैं कि किन देशों ने सूर्य पर अपने अंतरिक्ष यान भेजे हैं.
बता दें कि अबतक 22 मिशन सूर्य पर भेजे गए हैं. मिशन पूरा करने वालों में अमेरिका, जर्मनी यूरोपियन स्पेस एजेंसी शामिल हैं. इसके अलावा सूरज पर सबसे ज्यादा मिशन नासा ने भेजे हैं. यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने वर्ष 1994 में अपना पहला सूर्य मिशन भेजा था. जिसमें उसकी मदद नासा ने की थी. नासा सूरज पर अब तक 14 मिशन भेजे हैं. सूर्य पर रिसर्च के मामले में नासा का पार्कर सोलर प्रोब सबसे आगे है. इसने सूरज के आसपास 26 बार उड़ान भरी है. नासा ने वर्ष 2001 में जेनेसिस मिशन भी लॉन्च किया था. इस मिशन के तहत सौर हवाओं का सैंपल लेना था.
नासा लॉन्च कर चुका है कई मिशन
बात की जाए तो नासा ने कई सूर्य मिशन भेजे हैं. जिनमें सोहो (सोलर एंड हेलियोस्फ़ेरिक ऑब्जर्वेटरी), पार्कर सोलर प्रोब और आइरिस (इंटरफ़ेस रिजन इमेजिंग स्पेक्ट्रोग्राफ़), हिनोड, सोलर डायनामिक्स ऑब्जर्वेटरी आदि शामिल हैं. सूरज पर रिसर्च के मामले में नासा का पार्कर सोलर प्रोब मिशन सबसे आगे है. ये सूर्य के सबसे नजदीक तक पहुंचने वाला एकमात्र अंतरिक्ष यान है.
नासा ने 2018 में पार्कर सोलर प्रोब को अंतरिक्ष में भेजा था. लॉन्च के कई साल बाद नासा की ओर से कहा गया कि पार्कर सोलर प्रोब, सूर्य के ऊपरी वायुमंडल से होकर गुजरा था. मिशन के दौरान पार्कर सोलर प्रोब ने वहां मौजूद आवेशित कणों के नमूने लिए. साथ ही सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र की जानकारी भी जुटाई थी. पार्कर सोलर प्रोब सूरज की सतह से 65 लाख किलोमीटर के दायरे में जाकर वहां मौजूद ऊर्जा प्रवाह व सोलर विंड के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रहा है.
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