भारत में कई मौको पर हवाई फायरिंग की घटनाएं सामने आती हैं. कई राज्यों में शादी-पार्टी में हवाई फायरिंग की घटनाएं सामने आती हैं तो कई जगह दबंगई दिखाने के लिए लोग हवाई फायरिंग करते हैं. लेकिन, कभी आपने सोचा है कि जब बंदूक से गोली आसमान में छोड़ी जाती है तो वह कहां जाती है और क्या वह जमीन पर नहीं आती है? तो आद हम इन सवालों के जवाब देते हैं और बताते हैं कि बंदूक की गोली कैसे काम करती है और हवाई फायर के वक्त गोली का क्या होता है.


बंदूक की गोली कैसे करती है काम


सबसे पहले तो आपको बताते हैं कि आखिर बंदूक कैसे काम करती है. बंदूक से निकलने वाली गोली को कार्ट्रिज कहा जाता है.कार्ट्रिज के सबसे पिछले हिस्से को प्राइमर कंपउंड कहा जाता है.जो फायरिंग के वक्त बारुद में विस्फोट करता है. फायरिंग करते वक्त कार्ट्रिज का खोखा बंदूक से निकलकर वहीं गिर जाता है और बुलेट बंदूक से बाहर निकल जाती है.इसी कार्ट्रिज को हिन्दी में कारतूस कहा जाता है.


बंदूक की गोली के होते है तीन भाग


बंदूक की गोली के तीन भाग होते है.अगले वाले हिस्से को बुलेट कहते है, बीच वाले हिस्से को कवर कहते है, जिसमें बारुद भरा जाता है. गोली के अंतिम हिस्से को प्राइमर कंपाउड कहते है. अब आपको पता चल गया होगा कि हवाई फायरिंग की गोली वापस जमीन पर आ गिरती है. हालांकि, जमीन पर वापस आते वक्त यह किसी को गंभीर चोट भी पहुंचा सकती है. 


हवाई फायर के बाद बंदूक की गोली का क्या होता है?


जब हवा में फायरिंग की जाती है तो बुलेट काफी दूर तक जाती है और जिसके बाद जमीन पर ही वापस लौट जाती है. इसका सबसे बड़ा कारण है जमीन का गुरुत्वाकर्षण बल जो आसमान में जाने वाली चीज को एक तय समय के बाद अपनी ओर खींच लेता है. हवा में बुलेट कितनी दूर तक जाती है यह हवा की गति और बंदूक की क्वालिटी पर निर्भर करता है. वहीं, जमीन पर आते वक्त गोली की रफ्तार कम हो जाती है. इसलिए इससे कोई दिक्क्त नही होती. अगर हवाई फायर के वक्त कोई चीज बीच में आ जाए तो गोली टकरा सकती है.


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