क्या अफगानिस्तान में चोरी करने पर काट दिया जाता है हाथ? जानें क्या है यहां का कानून
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद वहां पूरी तरह से शरिया कानून लागू हो चुका है, वहां हर गुनाह की कठोर सजा होती है. ऐसे में अफगानिस्तान में चोरी के लिए भी बेहद सख्त सजा है.
अफगानिस्तान में तालिबानी शासन है. साल 2021 में तालिबान ने 20 साल तक विद्रोह चेड़ने के बाद अपना कब्जा जमा लिया था, जिसके बाद तालिबान ने अफगानिस्तान में पूरी तरह से शरिया कानून लागू कर दिया, जिसके तहत छोटे-छोटे अपराधों के लिए भी आरोपियों को कट्टरपंथी संगठन द्वारा सख्त से सख्त सजा दी जाती है. इस कानून के तहत अफगानिस्तान में यदि कोई व्यक्ति चोरी भी कर लेता है तो उसके हाथ काट दिए जाते हैं.
कैसी है अफगानिस्तान में कानून व्यवस्था?
अफगानिस्तान में इस्लाम की कानून व्यवस्था शरिया कानून लागू है. बता दें कि शरिया का शाब्दिक अर्थ है ‘पानी का एक साफ और व्यवस्थित रास्ता’. इस कानून में अपराधों को तीन कैटेगरी में बांटा गया है. पहला हुदुद, दूसरा किसस और तीसरा ताजीर. हुदुद में गंभीर अपराध शामिल किए जाते हैं, किसस में बदले की भावना जैसे अपराधों को शामिल किया जाता है, जैसे आंख के बदले आंख और हाथ के बदले हाथ. वहीं ताजीर में वो अपराध आते हैं जिसमें किसी सजा का जिक्र नहीं है, बल्कि इस कानून के तहत आरोपी को जजों के विवेक से सजा दी जाती है.
चोरी की अफगानिस्तान में मिलती है इतनी भयानक सजा
बता दें शरिया कानून के तहत अपराधियों को कोड़े से मारने की सजा से लेकर मौत की सजा तक दिए जाने का प्रावधान है. इस दौरान किसी भी अपराधी को बुरी तरह यातनाएं भी दी जाती हैं. यही वजह है कि शरिया कानून की कई सजाओं पर संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंध लगा रखा है.
यहां कई मामलों में अपराधी को पत्थर से मारकर मौत की सजा दी जाती है, वहीं एडल्ट्री करने वालों को कोड़े मारने की सजा का प्रावधान है. साथ ही यदि किसी व्यक्ति ने चोरी की है तो उसके हाथ काट दिए जाते हैं. इतना ही नहीं चोर की सजा उसके अपराध की गंभीरता पर भी निर्भर करती है. मसलन किसी व्यक्ति ने चोरी के दौरान हथियारों का भी इस्तेमाल किया है तो उसके हाथ और पैर दोनों काट दिए जाते हैं. कई मामलों में तो ऐसे व्यक्ति को फांसी पर भी लटका दिया जाता है.
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