आखिर सिक्खों की पहली पसंद कैसे बना कनाडा? जानिए वहां की आबादी में कितने भारतीय?
सिखों का कनाडा के प्रति लगाव किसी से छुपा नहीं है, आज के समय में कनाडा की आबादी में सिखों का बहुत बड़ा योगदान है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर कैसे ये सिखों की पहली पसंद बन गया.
कनाडा में सिखों की अच्छी खासी आबादी है. अब वहां के चुनाव में भी सिखों का अच्छा खासा योगदान माना जाता है. कनाडा में 2021 में हुई जनगणना के मुताबिक, वहां की कुल आबादी में 2.1 प्रतिशत योगदान सिखों का है. माना जाता है कि दुनिया में भारत के बाद सिखों की सबसे ज्यादा आबादी कनाडा में है. वैसे तो कनाडा में सिख काफी समय से मौजूद हैं लेकिन 90 के दशक में सबसे ज्यादा संख्या में सिखों ने कनाडा की ओर रुख किया.
सिखों को पहली पसंद कैसे बन गया कनाडा?
कई वर्षों पहले जब भारत पर अंग्रेजों का राज था, उस समय ब्रिटिश भारतीय सैनिकों की एक टुकड़ी लंदन गई थी. उन्हें साल 1897 में महारानी विक्टोरिया ने डायमंड जुबली सेलिब्रेशन में शामिल होने के लिए बुलाया था. इसी टुकड़ी में कुछ सिख सैनिक भी शामिल थे. इन्हीं में से एक थे रिसालेदार मेजर सिंह, जिन्होंने कनाडा में ही बसने का फैसला कर लिया था. वो कनाडा में बसने वाले पहले सिख थे.
लगभग हर घर से एक सिख कनाडा में
मेजर सिंह के बाद उनके साथ मौजूद कुछ और सैनिकों ने भी कनाडा में बसने का फैसला कर लिया. ये लोग ब्रिटिश कोलंबिया में रहने लगे. इसके बाद जब बाकी सैनिक भारत लौटे तो उन्होंने कनाडा की सुविधाओं और रहने की सहूलियतों के बारे में बताया. साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि ब्रटिश सरकार वहां भारतीय लोगों को बसाने के लिए भी तैयार है. इसके बाद से ही भारतीयों का कनाडा में शिफ्ट होने का सिलसिला शुरू हो गया. इनमें सबसे ज्यादा सिख थे. इस तरह से कनाडा में भारतीय सिख मजबूती के साथ बसने लगे. हालांकि सबसे ज्यादा सिखो ने 90 के दशक के बाद भारत से कनाडा पलायन किया.
कनाडा में रहते हैं कितने सिख?
मौजूदा समय की बात करें तो कनाडा में लगभग 8 लाख आबादी सिखों की है. वहां के चुनाव में भी सिख बड़ा वोट बैंक माने जाते हैं. ऐसे में सरकार उनकी सुविधाओं का भी ध्यान रखती है.
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