आखिर चाइनीज मांझे में ऐसा क्या है, जो कई शहरों में है बैन... ऐसा बनता है?
मकर संक्रांति के समय लोगों के मन में पतंकबाजी का जिक्र तैर जाता है, कई लोग अपनी पतंक को मजबूत बनाने के लिए मजबूत मांझे का इस्तेमाल करते हैं. उन्हीं में से एक होता है चाइनीज मांझा.
मकर संक्रांति को कुछ ही दिन बचे हैं. इससे पहले ही पतंगबाजी के शौकीन लोगों ने पतंग उड़ाना शुरू कर दिया है. बाजार भी रंग बिरंगी पतंगों और मांझे से गुलजार हो गया है. इस बीच एक बार फिर चर्चाओं में आ गया है चाइनीज मांझा. भारत के कई राज्यों में चाइनीज मांझे को बैन कर दिया गया है. कई लोगों को इसकी वजह चीन और भारत के रिश्ते लगते हैं लेकिन इसकी वजह ये नहीं है तो चलिए जानते हैं आखिर चाइनीज मांझे को बैन करने की असल वजह क्या है.
चाइनीज मांझा क्यों किया गया है बैन
चाइनीज मांझा ज्यादातर प्रदेशों में बैन कर दिया गया है. जिसकी वजह इसकी खतरनाक शैली है. दरअसल ये मांझा इतना खतरनाक होता है कि इससे हर साल कई लोगों की जान चली जाती है और कई लोग घायल हो जाते हैं. इसकी वजह से इसके इस्तेमाल को बंद करने के लिए कहा जाता है लेकिन लोग इस बात को अमल में नहीं लाते इसलिए इसपर बैन लगाया जाता है.
कैसे बनाया जाता है चाइनीज मांझा?
चाइनीज मांझे को कुछ लोग प्लास्टिक का मांझा भी कहते हैं. ये प्लास्टिक का मांझा या कहें चाइनीज मांझा दूसरे मांझों की तरह धागों से तैयार नहीं किया जाता, बल्कि इसे नायलॉन और मैटेलिक पाउडर से बनाया जाता है. ये मांझा प्लास्टिक की तरह लगता है और स्ट्रेचेबल होता है. ऐसे में जब हम इस मांझे को खींचते हैं तो ये टूटने की बजाय और बड़ा हो जाता है. इस मांझे को काटना भी काफी मुश्किल होता है.
इसके बाद इस मांझे पर कांच या लोहे के चूरे से धार भी लगाई जाती है, जिस वजह से ये मांझा और भी घातक हो जाता है. ये साधारण मांझे से काफी अलग होता है और जब इस मांझे से पतंग उड़ाई जाती है तो इसमें कुछ अलग कंपन पैदा होता है.
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