कुछ दिन पहले ही दिल्‍ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 1 के पार्किंग की छत गिर गई, जिससे एक कैब ड्राइवर की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए थे. इस हादसे के बाद दिल्‍ली एयरपोर्ट के बने इस छत पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इसे कैसा बनाया गया था कि सीजन की पहली बारिश आते ही यह गिर गया? इसे बनाने में करोड़ों रुपये का खर्च भी हुआ फिर भी इसकी क्‍वालिटी इतनी खराब कैसे हो गई? 


दिल्‍ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 1 की छत गिरने कई सवाल उठने से लोगों यह जानना चाहते हैं कि आखिर इसे बनाया किसने था? इसमें लागत कितनी आई थी और दिल्‍ली एयरपोर्ट की कमाई कितनी होती है?  आइए जानते हैं इसके बारे में पूरी डिटेल... 


किसने बनाया था ये एयरपोर्ट? 
दिल्‍ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 1 को इंफ्रा सेक्‍टर की एक बड़ी कंपनी GMR ग्रुप ने बनाया है. इस कंपनी का काम निर्माण के बाद भी इस दिल्‍ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड का संचालन करना भी है. चूंकि यह एयरपोर्ट देश की राजधानी में है तो इसे बनाने और देखरेख में करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं, ताकि यात्रियों को किसी भी तरह की असुविधा नहीं हो. 


हर साल कितनी होती है कमाई? 
देश की राजधानी में यह एयरपोर्ट होने से यहां हर दिन सैकड़ों फ्लाइट्स आती जाती रहती हैं. जिस कारण अनुमान लगाया जाए तो हर दिन की कमाई लाखों करोड़ों रुपये होती होगी. वहीं रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2023 में इस एयरपोर्ट को फ्लाइट्स के आने और जाने से 42 अरब की रिकॉर्ड कमाई हुई थी. दिल्‍ली एयरपोर्ट के मालिकाना हक की बात करें तो यह अधिकार एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पास है. 


10वां सबसे व्‍यस्‍त एयरपोर्ट 
दिल्‍ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 1 की बात करें तो यहां से सिर्फ घरेलू यानी देश में ही उड़ाने संचालित होती हैं. इसका मालिकाना हक इंफ्रा कंपनी GMR ग्रुप के पास है. दिल्‍ली एयरपोर्ट की सबसे ज्‍यादा हिस्‍सेदारी इसी कंपनी के पास 50% की है. दिल्‍ली एयरपोर्ट की एक और खास बात है कि यह दुनिया का 10वां सबसे व्‍यस्‍त एयरपोर्ट है, जहां हर दिन 1500 से ज्‍यादा फ्लाइट्स आती-जाती हैं. 


बनाने में कितना आया था खर्च ? 
अब आखिरी सवाल पर आते हैं... दिल्‍ली के इंदिया गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट को बनाने में 12 से 15 करोड़ का खर्च आया था, जो अब हर दिन करोड़ों रुपये का रेवेन्‍यू जनरेट करता है.                      


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