प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में 71 सांसदों ने भी मंत्री पद की शपथ ली है. इसके अलावा देश की जनता ने 543 सांसदों को चुनकर संसद भवन भेजा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब कोई सांसद केंद्रीय मंत्री बनता है, तो उन्हें कितनी सैलरी मिलती है. आज हम आपको बताएंगे कि प्रधानमंत्री, सांसद और केंद्रीय मंत्री को कितनी सैलरी मिलती है.    


मोदी सरकार


बता दें कि मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में ये सबसे बड़ा मंत्रिमंडल है. गौरतलब है कि 2014 में जब मोदी पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लिया था, तब उनके साथ 46 सांसद भी मंत्री बने थे. वहीं 2019 में उनके मंत्रिमंडल में 59 मंत्री शामिल हुए थे. लेकिन 2024 में एनडीए की सरकार में प्रधानमंत्री को मिलाकर 72 मंत्री शामिल हैं. इस सरकार में 30 कैबिनेट मंत्री, 5 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 36 राज्य मंत्री बनाए गए हैं.


कौन-कौन से मंत्री


कैबिनेट मंत्री सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करते हैं. इन्हें जो भी मंत्रालय दिया जाता है, उसकी पूरी जिम्मेदारी उनकी ही होती है. इसके अलावा कैबिनेट मंत्री को एक से ज्यादा मंत्रालय भी दिए जा सकते हैं. वहीं सरकार अपने सभी फैसले कैबिनेट बैठक में ही लेती है.


राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कैबिनेट मंत्री के बाद स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री होते हैं. इनकी भी सीधी रिपोर्टिंग प्रधानमंत्री को ही होती है. इनके पास अपना मंत्रालय होता है. ये कैबिनेट मंत्री को रिपोर्ट नहीं करते हैं.


राज्य मंत्री सरकार में कैबिनेट मंत्री की मदद के लिए राज्य मंत्री बनाए जाते हैं. इनकी रिपोर्टिंग कैबिनेट मंत्री को होती है.एक मंत्रालय में एक से ज्यादा भी राज्य मंत्री बनाए जा सकते हैं. कैबिनेट मंत्री की गैरमौजूदगी में मंत्रालय की सारी जिम्मेदारी राज्य मंत्री की होती है. 


सैलरी


बता दें कि सांसदों को मिलने वाली सैलरी और भत्ते सैलरी एक्ट के तहत तय होती है. इसके मुताबिक, लोकसभा के हर सदस्य को हर महीने 1 लाख रुपये की बेसिक सैलरी मिलती है. इसके साथ ही 70 हजार रुपये निर्वाचन भत्ता और 60 हजार रुपये ऑफिस खर्च के लिए अलग से मिलते हैं. इसके अलावा जब संसद का सत्र चलता है, तो दो हजार रुपये का डेली अलाउंस भी मिलता है.


पीएम और मंत्री


प्रधानमंत्री और मंत्रियों को हर महीने सत्कार भत्ता भी मिलता है. प्रधानमंत्री को 3 हजार रुपये, कैबिनेट मंत्री को 2 हजार, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) को 1 हजार और राज्य मंत्री को 600 रुपये का सत्कार भत्ता हर महीने मिलता है. ये भत्ता असल में हॉस्पिटैलिटी के लिए रहता है. वहीं मंत्रियों से मिलने आने वाले लोगों की आवभगत पर खर्चा होता है.
बता दें कि एक लोकसभा सांसद को सैलरी और भत्ते मिलाकर हर महीने कुल 2.30 लाख रुपये मिलते हैं. जबकि प्रधानमंत्री को 2.33 लाख, कैबिनेट मंत्री को 2.32 लाख, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) को 2.31 लाख और राज्य मंत्री को 2,30,600 रुपये मिलते हैं.


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