किसी भी नेशनल हाइवे पर जब आप चलते हैं तो आपको सरकार को टोल टैक्स देना पड़ता है. जैसे ही आप टोल टैक्स भरते हैं आपको टोलकर्मी एक रसीद देता है. अक्सर हम उस रसीद को फेंक देते हैं. लेकिन अगर हम कहें कि ये रसीद आपके बड़े काम की है तो आप क्या कहेंगे. सबसे बड़ी बात कि इससे आपको कई सुविधाएं फ्री में मिल जाती हैं. चलिए अब आपको इससे जुड़ी सभी जानकारियां देते हैं.


क्या क्या सुविधाएं मिलती हैं?


आपको टूलबूथ पर जो रसीद मिलता है, उसे जब आप ध्यान से देखेंगे तो पता चलेगा कि उसके आगे और पीछे के हिस्से पर चार फोन नंबर लिखे होते हैं. ये नंबर हेल्पलाइन वाले नंबर्स होते हैं. जैसे- हेल्पलाइन, क्रेन सर्विस, पेट्रोल सर्विस और एंबुलेंस सर्विस के नंबर आपको इन रसीदों पर मिल जाएंगे. आप किसी भी स्थिति में इन नंबरों का इस्तेमाल कर के अपने लिए मदद मांग सकते हैं. आपको बता दें ये सभी नंबर नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा जारी किए जाते हैं और अगर आप इन नंबरों को ऑनलाइन लेना चाहते हैं तो नेशनल हाइवे अथारिटी ऑफ इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट से भी ले सकते हैं. आप चाहें तो यहां क्लिक कर के वहां तक सीधे पहुंच सकते हैं.


हाईवे पर SOS बीट बॉक्स भी होता है?


टोल रसीद के साथ आपको एक जानकारी और दे देते हैं. अगर आप नेशनल हाइवे पर सफर कर रहे हैं और आपके साथ कोई दुर्घटना हो जाए या आपके सामने किसी की गाड़ी दुर्घटना ग्रस्त हो जाए तो आप हाइवे पर लगे एसओएस बीट बॉक्स के सहारे तुरंत मदद मांग सकते हैं. दरअसल, हर हाइवे पर एक से दो किलोमीटर के बीच ये SOS बीट बॉक्स लगे होते हैं. इनका रंग लाल होता है और इन पर लग एसओएस बटन को दबाते ही नजदीकी एंबुलेंस सर्विस और पुलिस स्टेशन को मैसेज पहुंच जाता है.


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