कहीं भी काम करने वाले कर्मचारियों के लिए छुट्टी मिलना बेहद खास बात होती है. खासतौर से जब आप प्राइवेट सेक्टर में हों तो यहां छुट्टियों को लेकर मारामारी ज्यादा दिखती है. हालांकि, आधिकारिक रूप से कागज़ पर एक कर्मचारी को उससे ज्यादा छुट्टियां मिलती हैं जितना वो लेता है. दरअसल, होता ये है कि कर्मचारियों को कई तरह की छुट्टियों के बारे में तो पता ही नहीं होता, इसलिए वो अपनी सभी छुट्टियां ले नहीं पाते. इन्हीं छुट्टियों में से एक है गार्डेनिंग लीव. कई लोग तो इस लीव के बारे में पहली बार पढ़ रहे होंगे. हालांकि, ये होती है और कई कर्मचारी इसे लेते भी हैं. चलिए आपको बताते हैं कि क्या भारतीय कंपनियां भी ये छुट्टी देती हैं और अगर देती हैं तो आप अपनी कंपनी में इस छुट्टी के लिए कैसे अप्लाई कर सकते हैं.
ये गार्डेन लीव है क्या?
गार्डेन लीव किसी कर्मचारी को तब मिलती है जब वो कंपनी से रिजाइन कर चुका होता है और अपना नोटिस पीरियड सर्व कर रहा होता है. इसके साथ ही अगर वो वर्क फ्रॉम होम यानी ऑफिस से दूर रह कर काम कर रहा है तब भी उसे गार्डेन लीव दी जाती है. इस लीव की सबसे खास बात ये है कि इसे आप नोटिस पीरियड के दौरान भी ले सकते हैं और इसके लिए कंपनी आपके पैसे भी नहीं काट सकती.
किन देशों में इसे लेकर कानून है?
गार्डेन लीव का चलन दुनिया में ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों से आया. वहीं साल 2018 में अमेरिका में भी इसे लेकर कानून बनाने की बात की गई. जबकि भारत की बात करें तो भारत में फिलहाल इसे लेकर कोई खास कानून नहीं है, लेकिन प्राइवेट कंपनियों में इसका चलन तेज हुआ है. कुछ प्राइवेट कंपनियां अब अपने कर्मचारियों को गार्डेन लीव देने पर विचार कर रही हैं. हालांकि, ये कानून पूरी तरह से कब लागू होगा उस पर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
कंपनियां जबरन गार्डेन लीव पर भी भेजती हैं
कई बार कंपनियां जबरन भी अपने कर्मचारी को गार्डेन लीव पर भेजती हैं. दऱअसल, जब कोई कंपनी अपने किसी कर्मचारी को निकालती है और उसे लगता है कि वह कर्मचारी ऑफिस में आकर हंगामा खड़ा कर सकता है या कुछ ऐसा कर सकता है जो ऑफिस की मर्यादा के लिए ठीक नहीं है, तो ऐसे में कंपनियां कर्मचारी को गार्डेन लीव पर भेज देती हैं. यानी अब नोटिस पीरियड के दौरान भी कर्मचारी घर पर रहेगा और उसे पैसा भी मिलता रहेगा.
ये भी पढ़ें: सिगरेट पीने के तुरंत बाद आप भी कोल्ड ड्रिंक पी लेते हैं, जानिए शरीर पर इसका कैसा प्रभाव पड़ता है