रूस के हमले के बाद इस देश में बसे हैं सबसे ज्यादा यूक्रेनी लोग, जानें क्या है कारण
रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से यूक्रेन को सबसे अधिक नुकसान हुआ है. बीते दो सालों में हुए हमलों के कारण लाखों की संख्या यूक्रेन के लोग अपनी जान बचाने के लिए शरणार्थी बनकर दूसरे देशों में रह रहे हैं.
रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यूक्रेन दौरा काफी महत्वपूर्ण रहा है. पीएम मोदी के यूक्रेन जाने से पूरी दुनिया का ध्यान उनकी तरफ आकर्षित हुआ है. हर किसी को उम्मीद है कि रूस और यूक्रेन युद्ध को रोकने में भारत की अहम भूमिका हो सकती है. लेकिन आज हम आपको यूक्रेन से जान बचाकर भागे शरणार्थियों के बारे में बताएंगे. क्या आप जानते हैं कि रूस हमले के बाद किस देश में सबसे ज्यादा यूक्रेनी लोग जाकर रह रहे हैं.
रूस-यूक्रेन युद्ध
बता दें कि यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर हमला 24 फरवरी, 2022 को शुरू हुआ था. इसके बाद देश से बड़ी संख्या में लोग विस्थापित होने के लिए मजबूर हो गए हैं. जानकारी के मुताबिक दो साल से अधिक समय में लगभग 6.5 मिलियन लोग यूक्रेन से पड़ोसी देशों में भागकर अपनी जान बचाए हैं. वहीं अनुमान है कि 3.7 मिलियन यूक्रेनियन आंतरिक रूप से विस्थापित हैं.
यूक्रेन की आबादी
यूक्रेन की कुल आबादी 41.4 मिलियन है. लेकिन रूसी हमले के बाद पहले वर्ष में यूक्रेन की पूरी आबादी का एक तिहाई हिस्सा उजड़ गया था. यूक्रेन के लोगों को अपने घरों से भागकर यूक्रेन, यूरोप के पड़ोसी देशों या विदेश में सुरक्षित क्षेत्रों में जाना शरण लेना पड़ा है. हालांकि युद्ध बढ़ने के साथ वहां के लोगों को मानवीय ज़रूरतों की जरूरत भी है. अनुमान है कि 2024 में यूक्रेन में 14.6 मिलियन लोगों को मानवीय सहायता की ज़रूरत होगी.
यूक्रेन की स्थिति गंभीर
यूक्रेन में इस वक्त लोगों तक बुनियादी जरूरत के सामान भी नहीं पहुंच पा रहे हैं. सर्दियों के दौरान वहां महिलाओं और बच्चों की स्थिति काफी खराब रहती है. क्योंकि वे बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने में असमर्थ रहते हैं, उन्हें पानी, बिजली, हीटिंग, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा तक पहुँचने में कठिनाई होती है. हमलों के कारण कई यूक्रेनियन क्षतिग्रस्त घरों या इमारतों में रहने को मजबूर हैं. खासकर कमज़ोर समूहों में वृद्ध लोग और विकलांग लोग शामिल हैं, जो उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों से भागने में असमर्थ हैं.
किस देश में गए लोग
बता दें कि दो साल पहले युद्ध शुरू होने के बाद स लगभग 6.5 मिलियन लोग यूक्रेन से भागकर पोलैंड, हंगरी, मोल्दोवा और यूरोप के अन्य देशों समेत इस क्षेत्र के पड़ोसी देशों में सीमा पार कर गए हैं. पोलैंड में यूक्रेनी शरणार्थियों की सबसे बड़ी संख्या देखी गई है, जो यूक्रेन से आए सभी शरणार्थियों में से लगभग 60 प्रतिशत की मेजबानी करता है. वहीं 2023 के अंत तक भागने के लिए मजबूर किए गए लगभग 6 मिलियन लोग अभी भी शरणार्थी स्थितियों में बने हुए हैं. बता दें कि यूक्रेन से भागने वाले लोगों में से अधिकांश महिलाएँ और बच्चे हैं, जो शरणार्थियों का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा हैं. यूक्रेन के 3.7 मिलियन IDP में से 58 प्रतिशत महिलाएँ और लड़कियाँ हैं.
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