भारत की प्रगति और अर्थव्यवस्था में भारतीय रेलवे का बड़ा योगदान है. भारत की पहली हाई स्पीड ट्रेन वंदेभारत के बाद अब रेलवे जल्द ही देश को वंदे मेट्रो की बड़ी सौगात देने वाला है. आज हम आपको बताएंगे कि वंदे मेट्रो ट्रेनों की सुविधाएं किन-किन शहरों को मिलेगी और इस ट्रेन में क्या-क्या सुविधाएं होगी. 


वंदे मेट्रो ट्रेन  


बता दें कि भारतीय रेलवे द्वारा संचालित ट्रेनों को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में गुरुवार को कई अहम जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि ट्रेनों में सामान्य डिब्बों की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए करीब ढाई हजार सामान्य कोच के उत्पादन का विचार सरकार कर रही है. उन्होंने बताया कि 150 से 200 किलोमीटर की दूरी वाले दो शहरों के बीच वंदे मेट्रो चलाई जाएगी, जिसका डिजाइन तैयार किया जा चुका है. बता दें कि वंदे मेट्रो को लेकर लोगों में काफी उत्सुकता है. 


वंदे मेट्रो ट्रेन की विशेषता


जानकारी के मुताबिक वंदे मेट्रो ट्रेन दरअसल वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का एक छोटी दूरी का मॉर्डन फॉर्मेट है. रेलवे इसे लगभग 100-200 किलोमीटर की दूरी के अंदर आने वाले 124 शहरों को जोड़ने के लिए तैयार कर रही है. इतना ही नहीं वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की तरह ही वंदे मेट्रो ट्रेन भी ऑटोमेटेड है. इसकी खासियत है कि यह बिना लोकोमोटिव इंजन के पटरी पर दौड़ती है. 


इन्फ्रास्ट्रक्चर लुक


वहीं वंदे मेट्रो ट्रेनों का लुक और इन्फ्रास्ट्रक्चर अन्य लोकल मेट्रो ट्रेनों से अच्छा है. इस ट्रेन का इंटीरियर हाई क्लास सुविधाओं से लैस है, जिसमें यात्रियों के बैठने और खड़े रहकर सफर करने की खास व्यवस्था रेलवे की ओर से की गई है. वंदे मेट्रो ट्रेनों की स्पीड अन्य मेनलाइन ईएमयू की तुलना में ज्यादा होती है. वहीं इसकी अधिकतम स्पीड 130 किमी प्रति घंटे होगी.


वंदे मेट्रो ट्रेनें पूरी तरह से एसी कोच से लैस होगी और वंदे मेट्रो ट्रेनों में ऑटोमेटिक गेट, मोबाइल चार्जिंग सॉकेटके अलावा डिफ्यूज्ड लाइटिंग होंगी. सुरक्षा के लिए ट्रेन में सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे. इसके अलावा यात्रियों की सुरक्षा के लिए इसमें ‘कवच’ ट्रेन एंटी कोलिजन सिस्टम लगाया गया है.


इन शहरों से होकर गुजरेगी वंदे मेट्रो


रिपोर्ट्स के मुताबिक रेलवे अधिकारियों ने बताया कि वंदे मेट्रो ट्रेनें लगभग 124 शहरों को जोड़ेंगी. इनमें कुछ चिह्नित रूट्स में लखनऊ-कानपुर, आगरा-मथुरा, दिल्ली-रेवाड़ी, भुवनेश्वर-बालासोर और तिरूपति-चेन्नई शामिल हैं. इसके अलावा बिहार के भागलपुर से पश्चिम बंगाल के हावड़ा के बीच भी वंदे मेट्रो ट्रेन चलने की भी खबर है.


वंदे स्लीपर ट्रेन


बता दें कि लंबी दूरी की ट्रैवल के लिए 700 किलोमीटर और 1000 किलोमीटर से ज्यादा ट्रैवल के लिए वंदे स्लीपर का भी डिजाइन किया गया है. पहली ट्रेन मैन्यूफैक्चरिंग हो गई है और उसका टेस्टिंग का काम चल रहा है.


देश में हर रोज 20 हजार ट्रेनों का संचालन


रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे में काम करने वाले सभी 12 लाख रेल कर्मियों का धन्यवाद कहा है. उन्होंने कहा कि रेलवे परिवार के सदस्य के दिन-रात लगकर, सर्दी-गर्मी, धूप-बारिश में भी लगकर प्रतिदिन करीब 20 हजार से अधिक ट्रेन चलाते हैं और देश की सेवा करते हैं.


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