भारत में अंग्रेजों और मुगलों ने लंबे समय तक शासन किया है. उन्होंने इस धरती के लगभग हर हिस्से पर अपनी हुकूमत चलाई. हालांकि, कुछ छोटे-छोटे गांव या कस्बे भारत में ऐसे थे, जहां जाने से ना सिर्फ मुगल डरते थे बल्कि अंग्रेज अधिकारी भी ऐसी जगहों पर जाने से कांपते थे. चलिए आपको आज इन छोटे-छोटे जगहों के बारे में बताते हैं.
नीलाचल पर्वत
अगर आप असम जाएंगे तो वहां के एक शहर गुवाहाटी जरूर जाएं. यह बेहद खूबसूरत शहर है. लेकिन इस शहर से लगभग 8 किलोमीटर दूर कामाख्या नाम की एक जगह है. इसका नाम मां कामाख्या देवी के नाम पर पड़ा है. यहां मां कामाख्या का एक मंदिर भी है. इस जगह के पास नीलाचल पर्वत है. कहा जाता है कि इसके आसपास का इलाका तंत्र साधना का सबसे बड़ा केंद्र है.
काले जादू का केंद्र
जिस तरह से अघोर साधना, तंत्र साधना होती है. उसी तरह की एक विद्या काले जादू की भी होती है. दुनिया के सबसे बड़े काले जादू के केंद्र में जाने के लिए आपको फिर से असम जाना होगा. यहां के मोरीगांव जिले में एक कस्बा पड़ता है मायोंग, इसे सदियों से काले जादू का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है. कहा जाता है कि एक समय पर इस गांव के ज्यादातर लोग काले जादू में माहिर थे.
कुशाभद्र नदी के घाट
मायोंग और नीलाचल पर्वत की तरह ओडिशा में भी एक जगह है. दरअसल, यहां एक नदी है कुशाभद्र. कहते हैं कि इस नदी के वीरान पड़े घाटों पर तांत्रिक अपनी सिद्ध क्रियाएं करते हैं और अपने तंत्र साधना को जागृत करते हैं. इन सुनसान जगहों पर सूरज ढलने के बाद लोग जाने से हिचकते हैं.
कोलकाता का निमतला घाट
कोलकाता में एक जगह है निमतला घाट. इस घाट की पहचान पूरी दुनिया में काले जादू के केंद्र के रूप में है. कहा जाता है कि इस जगह पर आधी रात के बाद अघोर साधना, तंत्र साधना और काले जादू की प्रैक्टिस होती है. हालांकि, इस बात में कितनी सच्चाई है इसकी आधिकारिक पुष्टि आजतक नहीं हो पाई.
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