इस्लामिक देश ईरान में था 1800 साल पहले अग्नि मंदिर, अवशेष देख कर दंग रह गए वैज्ञानिक
वैज्ञानिकों ने जब इसकी जांच की तो पता चला कि ये एक अग्नि मंदिर था. इस मंदिर की नींव ससनीद साम्राज्य में रखी गई थी. खुदाई के दौरान ऐसी ऐसी चीजें और चित्रकलाएं मिलीं की लोग की आंखें खुली की खुली रह गईं.
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के कई मंदिरों के बारे में आपने सुना होगा. लेकिन क्या आपने इस्लामिक देश ईरान में 1800 साल पहले मौजूद एक अग्नि मंदिर के बारे में सुना है. सबसे बड़ी बात कि ये मंदिर आज भले ही वहां मौजूद नहीं है, लेकिन आज से 1800 साल पहले इस मंदिर का ईरान और वहां के लोगों के बीच खास महत्व था. चलिए आज आपको ईरान के इसी अग्नि मंदिर की कहानी बताते हैं. इसके साथ ही आपको ये भी बताएंगे कि आखिर इस मंदिर को बनवाया किसने था और यह किस समुदाय से जुड़ा हुआ था.
कहां था ये मंदिर
साल 2022 में ईरान के पुरातत्विदों को उत्खनन के दौरान उत्तर पूर्वी ईरान में एक प्राचीन मंदिर के अवशेष मिले. जब ये अवशेष एक के बाद एक बाहर निकलने लगे तो वहां के वैज्ञानिक इसे देख कर हैरान रह गए. सबसे ज्यादा हैरान थे इस टीम के पुरातत्विद मीसम लब्बाफ खानिकी. उनका कहना था कि इससे पहले ऐसा कुछ कभी इस इलाके में नहीं मिला था. उनका मानना था कि इससे ईरान के इतिहास के बारे में कई नई चीजें लोगों को मालूम होंगी.
किस तरह का मंदिर था
वैज्ञानिकों ने जब इसकी जांच की तो पता चला कि ये एक अग्नि मंदिर था. इस मंदिर की नींव ससनीद साम्राज्य में रखी गई थी. साइट पर खुदाई के दौरान मंदिर से जुड़ी ऐसी ऐसी चीजें और चित्रकलाएं मिलीं की लोग की आंखें खुली की खुली रह गईं. लोग सोचने पर मजबूर थे कि आज से 1800 साल पहले कैसे इंसान इतनी सुंदर आकृतियां बना सकता था. हालांकि, ये हिंदू मंदिर के नहीं बल्कि एक पारसी मंदिर के अवशेष थे. दरअसल, ससनीद काल के दौरान पारसी आर्किटेक्चर और आर्ट्स के पुनरुद्धार के लिए कई काम किए गए थे. इस साम्राज्य के लोग पहलवी भाषा बोलते थे. लेकिन जब अरब यहां पहुंचे तो धीरे-धारे उन्होंने पारसी विरासत को यहां से खत्म कर दिया.
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