एयर मार्शल अमर प्रीत सिंह को वायुसेना का अगला प्रमुख नियुक्त किया गया है. एयर मार्शल अमर प्रीत सिंह वर्तमान में वायुसेना के उप-प्रमुख के रूप में कार्यरत हैं. वह 30 सितंबर, 2024 की दोपहर से अगले वायुसेना प्रमुख के रूप में एयर चीफ मार्शल का पद संभाल लेंगे. वर्तमान वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी 30 सितंबर, 2024 को पदमुक्त होंगे. क्या आप जानते हैं भारत का पहला वायुसेना प्रमुख कौन था और वायुसेना प्रमुख की क्या जिम्मेदारियां होती हैं.


वायुसेना प्रमुख


एयर मार्शल अमर प्रीत सिंह को वायुसेना का अगला प्रमुख नियुक्त किया गया है. बता दें कि एयर मार्शल अमर प्रीत सिंह का जन्म 27 अक्टूबर 1964 को हुआ था. इस बड़ी जिम्मेदारी से पहले एयर मार्शल अमर प्रीत सिंह ने 1 फरवरी 2023 को भारतीय वायु सेना के 47वें उप प्रमुख का पद संभाला था. 


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पहले वायुसेना प्रमुख


भारत की आजादी के साथ ही एयर मार्शल अर्जन सिंह स्वतंत्र भारत के पहले एयर चीफ मार्शल बने थे. 01 अगस्त 1947 से 21 फरवरी 1950 तक उन्होंने अपनी सेवाएं इस पद पर दी थी.  इसके बाद वे वायु सेना के पहले मार्शल बने थे. वहीं 1 अप्रैल 1954 को प्रथम भारतीय 43 वर्षीय एयर मार्शल सुब्रत मुखर्जी ने वायु सेना के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में वायु सेना अध्यक्ष का पद भार संभाला था. 


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वायुसेना प्रमुख 


बता दें कि वायुसेना प्रमुख वायु सेना का प्रमुख होता है. वायुसेना प्रमुख किसी भी शांति और युद्ध की स्थिति में रणनीति तैयार करके देश की रक्षा के लिए सभी अधिकारियों की तैनाती करता है. आसान भाषा में आप समझिक कि एयर चीफ मार्शल वायु सेना परिवार का नेतृत्व करते हैं. वहीं युद्ध के समय में सभी रणनीतिक और सामरिक निर्णयों का फैसला वायुसेना प्रमुख ही लेते हैं. उनकी ऊपर वायुसेना की सभी जिम्मेदार होती है.


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5,000 घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव


एयर मार्शल अमर प्रीत सिंह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज और राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज के पूर्व छात्र रह चुके हैं. वे एक योग्य उड़ान प्रशिक्षक और शानदार पायलट हैं. उनके पास फिक्स्ड और रोटरी विंग विमानों पर 5,000 घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव है.


इतना ही नहीं अपने करियर के दौरान एयर मार्शल अमर प्रीत सिंह ऑपरेशनल फाइटर स्क्वाड्रन और फ्रंटलाइन एयर बेस की कमान संभाल चुके हैं. पायलट के रूप में उन्होंने मॉस्को, रूस में मिग-29 अपग्रेड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट टीम का नेतृत्व किया था. वह राष्ट्रीय उड़ान परीक्षण केंद्र में परियोजना निदेशक (उड़ान परीक्षण) भी थे. इसके अलावा उन्हें लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस की उड़ान परीक्षण का काम सौंपा गया था. 


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