प्लेन क्रैश होने पर मुआवजा कौन देता है, कंपनी या सरकार? जान लीजिए कानून से जुड़ी ये बात
सवाल यह है कि विमान हादसों में मारे गए लोगों को मुआवजा कैसे दिया जाता है? क्या जिस जगह हादसा हुआ, वहां की सरकार यात्रियों को मुआवजा देती है या फिर विमान कंपनी? आइए जानते हैं...
दुनिया में हर चीज को चलाने के लिए कुछ नियम, कायदे और कानून हैं. जिस तरह कार चलाने के लिए ट्रैफिक रूल्स हैं. ठीक वैसे हवाई यात्राओं के लिए भी कुछ नियम तय किए गए हैं. इन नियमों की बात इसलिए हो रही है, क्योंकि बीते कुछ दिनों में विमान हादसों की बाढ़ सी आ गई है.
दक्षिण कोरिया के मुआन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर जेजू एयर का विमान क्रैश हो गया. इस हादसे में 179 लोगों ने अपनी जान गंवा दी. इससे पहले 25 दिसंबर को अजरबैजान एयरलाइंस का विमान क्रैश हुआ था, जिसमें 38 लोग मारे गए थे. अब सवाल यह है कि इन विमान हादसों में मारे गए लोगों को मुआवजा कैसे दिया जाता है? क्या जिस जगह हादसा हुआ, वहां की सरकार यात्रियों को मुआवजा देती है या फिर विमान कंपनी? आइए जानते हैं...
डोमेस्टिक फ्लाइट्स के लिए यह है नियम
घरेलू उड़ानों को संचालित करने के लिए एविएशन मिनिस्ट्री नियम व कानून तय करती है. मिनिस्ट्री ऑफ एविएशन ने 2014 में एक नोटिफिकेशन जारी किया था. इसके तहत किसी भी विमान हादसे की स्थिति में एयरलाइन कंपनी पैसेंजर्स के परिवार को 20 लाख रुपये तक का मुआवजा देती है. हालांकि,यह नियम सिर्फ घरेलू फ्लाइट्स के लिए ही लागू है.
इंटरनेशनल फ्लाइट्स में इतना मिलता है मुआवजा
पैसेंजर चार्टर के अनुसार, अगर कोई इंटरनेशनल फ्लाइट क्रैश होती है, तब भी मुआवजे का प्रावधान है. क्रैश होने पर एयरलाइन कंपनी से पैसेंजर के परिवार को 1,13,100 SDR यानी स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स मिल सकते हैं. पहले यह मुआवजा 1,00,000 था, जिसे 2016 में भारत में बढ़ाकर 1,13,100 SDR कर दिया गया था.
यह SDR क्या है?
इसे आप ग्लोबल करेंसी कन्वर्टर समझ सकते हैं. एक SDR 1.41 अमेरिकी डॉलर के बराबर होता है. इस हिसाब से एयरलाइन कंपनी को हादसे का शिकार होने वाले सभी पैसेंजर्स को डेढ़ करोड़ से ज्यादा का मुआवजा देना होगा.
हर फ्लाइट का होता है इंश्योरेंस
सभी एयरलाइन्स कंपनियों को अपनी सभी फ्लाइट का इंश्योरेंस कराना जरूरी होता है. किसी भी हादसे की स्थिति में पैसा यहीं से आता है. अगर हादसा होता है तो इश्योरेंस कंपनी मुआवजे का पूरा जैसा देती है. इसके लिए पैसेंजर्स को अलग से कुछ नहीं करना होता है.
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