आज के वक्त समय बचाने के लिए अधिकांश लोग हवाई जहाज में सफर करना पसंद करते हैं. एयरपोर्ट पर कई बार देखते होंगे कि हवाई जहाज में पंख यानी विंग्स में फ्यूल भरा जाता है. क्या आप जानते हैं कि हवाई जहाज में ईंधन टैंक कहां होता है. आज हम आपको बताएँगे कि फ्लाइट में फ्यूल टैंक कहां होता है.
फ्लाइट
विमानन एक्सपर्ट रेबेका विलियम्स ने बताया कि जहाज का वजन संतुलित करने के लिए ईंधन टैंक को विंग्स में बनाया जाता है. क्योंकि ईंधन विमान के सबसे भारी घटकों में से एक होता है. बता दें कि कुछ लंबी दूरी की उड़ानों में ईंधन विमान के कुल वजन का एक तिहाई तक हो सकता है. वहीं इतना वजन अगर मेन बॉडी में स्टोर किया जाएगा तो सामान रखने के लिए जगह की कमी होगी. इसके अलावा खासकर विमान का स्ट्रक्चर भी प्रभावित होगा, जिससे प्लेन में तनाव बढ़ सकता है.
विंग्स में फ्यूल टैंक होने की वजह
रेबेका ने बताया कि अगर फ्यूल को प्लेन के पिछले हिस्से में रखने पर फ्लाइट का वजन बढ़ जाएगा. इससे जब प्लेन उड़ेगा तो इसका आगे हिस्सा उठ जाएगा. वहीं जब फ्यूल खत्म होगा तो लैंडिंग के समय अगला हिस्सा आगे झुक जाएगा. इसी समस्या से बचने के लिए विमान के विंग्स में ईंधन स्टोर किया जाता है. इससे उड़ान में पंखों पर दबाव कम हो जाता है और भार पूरे एयरफ्रेम में समान रूप से फैल जाता है. वहीं पंखों में ईंधन का रखने से गुरुत्वाकर्षण का फायदा मिलता है. इससे ईंधन किसी खराबी की स्थिति में पंपों पर निर्भर हुए बिना इंजनों में प्रवाहित होता रहता है.
विंग्स
बता दें कि हवाई जहाज के विंग्स देखने में काफी बड़े नजर आते हैं, लेकिन ये अंदर से बिल्कुल खोखले होते हैं. इन्हीं विंग्स में जेट फ्यूल को भरा जाता है. ज्यादातर सभी हवाई जहाजों में इंजन भी उनके विंग्स में ही होते हैं. क्योंकि विमान के पंखों में ईंधन स्टोर करना जगह का उपयोग करने का सही तरीका है. यह प्लेन का वजन संतुलित करता है. इसके अलावा विमान के स्ट्रक्चर पर जो तनाव आता है, उससे निपटने में मदद करता है.
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