एयरटेल के मालिक सुनील भारती मित्तल KBE पाने वाले पहले भारतीय बने, जानिए क्या होता है ये KBE
Sunil Bharti Mittal KBE: एयरटेल के फाउंडर सुनील भारती मित्तल केबीई उपाधि पाने वाले पहले भारतीय बन गए हैं. जानिए क्या होता है यह अवार्ड और किस काम के लिए दिया जाता है.
Sunil Bharti Mittal KBE: भारत में कुछ टेलीकॉम कंपनियां काफी पुरानी हैं. जिनमें एक है एयरटेल. साल 1995 में एयरटेल कंपनी की स्थापना की गई थी. इसके फाउंडर हैं सुनील भारती मित्तल. एयरटेल कंपनी इन दिनों भारत की लीडिंग टेलीकॉम कंपनियों में से एक है. जिसके 474 मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर है. एयरटेल के मालिक सुनील भारती मित्तल सिर्फ टेलीकॉम सेक्टर में ही नहीं बल्कि एग्रीकल्चर,रियल एस्टेट, इंश्योरेंस, एजुकेशन ,मॉल फूड और हॉस्पिटैलिटी इन सेक्टर में बिजनेस करते हैं. सुनील भारती मित्तल इंग्लैंड में रहते हैं अभी हाल ही में उन्हें इंग्लैंड के राजा किंग चार्ल्स तृतीय ने उन्हें केबीई की उपाधि से सम्मानित किया है. वह यह उपाधि पाने वाले पहले भारतीय बन गए हैं. क्या होता है यह केबीई और किन्हें मिलता है. चलिए जानते हैं.
क्या होता है KBE अवार्ड?
केबीई यानी नाइट कमांडर ऑफ़ द मोस्ट एक्सीलेंट ऑर्डर ऑफ़ द ब्रिटिश एम्पायर. यह सम्मान ब्रिटेन के सबसे बड़े सम्मानों में से एक है. यह उन लोगों को दियी जाती है. जिन लोगों ने किसी क्षेत्र के किसी काम में काफी अहम योगदान दिया हो. किंग्स चार्ल्स तृतीय ने यह सम्मान भारत के टेलिकाॅम टायकून कहे जाने वाले सुनील मित्तल को इस सम्मान से नवाजा है. यह सम्मान वाले सुनील मित्तल पहले भारतीय बन गए हैं. सुनील मित्तल को भारत और ब्रिटेन के बीच अच्छे बिजनेस रिलेशन बनाने में योगदान करने के लिए दिया गया है. विदेशी नागरिकों को मानद उपाधि के तौर पर केबीई सम्मान दिया जाता है.
रविंद्र नाथ टैगोर ने लौटा दी थी उपाधि
साल 1915 में ब्रिटिश सरकार ने भारत के इकलौते साहित्य नोबेल पुरस्कार विजेता रविंद्र नाथ टैगोर को नाइटहुड के सम्मान से नवाजा था. लेकिन 1917 में हुए जलियांवाला नरसंहार हत्याकांड के खिलाफ ब्रिटिश हुकूमत की निंदा करते हुए रविंद्र नाथ टैगोर ने यह उपाधि वापस कर दी थी.
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