Aishwarya And Abhishek Bachchan Are Getting Divorce: इन दिनों ऐश्वर्या राय और अभिषेक बच्चन दोनों के बीच चल रही अनबन को लेकर खूब सुर्खियों में हैं. अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की शादी में जब बच्चन परिवार और ऐश्वर्या को अपनी लाडली आराध्या के साथ अलग-अलग पहुंचते देखा गया तभी से बच्चन फैमिली में चल रहा मनमुटाव सुर्खियां बटोर रहा है. वहीं इन्हें हवा तब और मिल गई जब अभिषेख ने इंस्टाग्राम पर एक डिवोर्स पोस्ट को लाइक कर दिया. अब इस बात की चर्चाएं तेजी से फेल रही हैं कि अभिषेक और ऐश्वर्या के बीच ग्रे-डिवोर्स लेने वाले हैं.  फिर चर्चाएं सामने आईं कि दोनों डायमंड डिवोर्स लेंगे. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर ये डिवोर्स होते कितने तरह के हैं? चलिए इस स्टोरी में आपके इस सवाल का जवाब जान लेते हैं.


क्या होता है ग्रे और डायमंड डिवोर्स?


सबसे पहले ये जान लेते हैं कि आखिर ये ग्रे और डायमंड डिवोर्स होता क्या है? तो बता दें कि आज के समय में बुढ़ापे की ओर बढ़ने के बाद भी लोग डिवोर्स ले रहे हैं. पहले ऐसा नहीं होता था. वहीं ग्रे-डिवोर्स की बात करें तो, जब लोग शादी के काफी साल बाद यानी शादी के 40-50 साल के बाद तलाक लेते हैं. दरअसल कई कपल्स साथ में काफी लंबा वक्त बिताने के बाद एक-दूसरे से अलग होने का फैसला कर लेते हैं. शादी के इतने साल हो जाने के बाद बच्चे भी बड़े और समझदार हो जाते हैं.


हालांकि इतने साल साथ रहने के बाद पार्टनर से अलग हो जाना आसान नहीं होता है. इस तरह के तलाक को ग्रे-डिवोर्स को सिल्वर स्प्लिटर्स या फिर डायमंड डिवोर्स भी कहा जाता है. ग्रे तलाक को काफी हद तक सफेद बालों से जोड़कर देखा जाता है, जो कि ज्यादातर 40-50 के बाद कॉमन होता है. भारत में भले ही यह नया हो, लेकिन पश्चिमी देशों में ये चलन पुराना है.


कितने प्रकार के होते हैं तलाक?


अमूमन तलाक को दो तरह से बांटा जाता है. पहला होता है दोष तलाक तो दूसरा दोष रहित तलाक.


दोष तलाक


गलती से तलाक लेना पहले एक मानक हुआ करता था. गलती से तलाक लेने के लिए ये साबित करना होता था कि पति या पत्नी में से किसी एक ने कुछ गलत किया था जिसके कारण दो लोगों की शादी समाप्त हो गई. हालांकि अब आमतौर पर दोषपूर्ण तलाक नहीं होते, बल्कि इसकी जगह लोगों को शादी खत्म करने के लिए दोषपूर्ण बनाम दोषरहित तलाक लेना होता है.


बिना किसी गलती के तलाक


आज के समय में दो लोगों के बीच मतभेद कोर्ट तक पहुंच जाते हैं. वहीं कुछ कपल्स ऐसे भी होते हैं जो आपसी समझौता कर बिना किसी गलती के एक-दूसरे से तलाक ले लेते हैं. ऐसे में कोई कपल किसी दूसरे पर किसी तरह का इल्जाम नहीं लगाता और इसका आधार एक-दूसरे से आसानी से अलग हो जाना ही होता है.


विवादित तलाक


विवादित तलाक उस समय होता है आप और आपका साथी तलाक समझौते के किसी पहलू पर सहमत नहीं हो पाते हैं. आप इस बात पर असहमत हो सकते हैं कि तलाक लेना है या नहीं, संपत्ति या कर्ज कैसे बांटा जाना चाहिए, बच्चे की कस्टडी कैसे लेनी है , बच्चे या जीवनसाथी के भरण-पोषण या कोई अन्य महत्वपूर्ण मामला जिसे आपकी शादी को समाप्त करने के लिए हल किया जाना चाहिए.


निर्विरोध तलाक


निर्विवाद तलाक में आप और आपका जीवनसाथी तलाक समझौते पर सहमत होते हैं और आपको अपने लिए किसी भी मुद्दे को हल करने के लिए अदालत की आवश्यकता नहीं होती है. इसमें आप एक साथ काम करके एक अलगाव समझौते का मसौदा तैयार करते हैं (या अदालत को दिए गए तलाक के फैसले के लिए शर्तों पर आते हैं) और पेरेंटिंग के लिए खुद प्लान बनाते हैं. इस तरह के तलाक में अदालत की ज्यादा जरुरत नहीं होती बल्कि कपल्स आपस में ही समझौता कर लेते हैं.


इस तरह के भी होते हैं तलाक


कई बार तलाक के मामलों में लंबी मुकदमेबाजी भी देखी जाती है. इस तरह के मामलों में विवादित तलाक होते हैं और संपत्ति का बंटवारा, गिरफ्तारी जैसी मांगे होती हैं. वहीं मध्यस्थता तलाक में दोनों पक्षों के आपसी समझौते से तलाक हो जाता है. वहीं सहयोगात्मक तलाक में आप और आपका जीवनसाथी एक वकील करते हैं और कई मिटिंग्स में आपसी समझौता कर तलाक ले लेते हैं.


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