How to Clean Gun:कैसे साफ की जाती है AK-47, यह सामान्य गन की तरह होती है क्लीन या कोई खास तरीका
भारत में आर्म्स एक्ट 1959 के तहत कोई भी व्यक्ति आत्मरक्षा के लिए बंदूक खरीद सकता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एके 47 बंदूक को साफ करने का क्या तरीका होता है?
बंदूक की जब बात होती है अक्सर लोग एके 47 का नाम लेते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एके 47 बंदूक को साफ करने का तरीका क्या होता है. आज हम आपको बताएंगे कि एके 47 बंदूक बाकी बंदूकों से कितना अलग होती है और इसके साफ करने का प्रोसेस क्या है.
AK47 को साफ करना
एके 47 आम बंदूकों से अलग और ऑटोमैटिक बंदूक है. बता दे कि किसी भी हथियार को खोलने और जोड़ने से पहले उसके बारे में सुरक्षा सम्बंधित जानकारी हमारी पास होने चाहिए. जिससे कोई दुर्घटना ना हो. एके 47 को साफ करने से पहले उसको खाली करना यानी मैगजीन को निकालना जरूरी है. जब बंदूक पूरे तरीके से खाली हो जाती है. उसके बाद बेनट स्टड को दबाते हुए बेनट को अलग करना चाहिए. वहीं राइफल के चेंज लीवर को "R" पर करे. फिर राइफल को कॉक करे और रिटेनर कैच को दबाते हुए बॉडी कवर को निकालना चाहिए. वहीं कोक्किंग हैंडल से दबाते हुए पिस्टन एक्सटेंशन को पीछे खिंचे और बाहर निकाले. फिर पिस्टन एक्सटेंशन से रोटेटिंग बोल्ट को अलग करें. फिर एक्सिस पिन को बहार निकलते हुए एक्सट्रैक्टर को खोले और फायरिंग पिन बहार निकले. ऐसा करने पर एके 47 पूरा खुल जाता है, इसके बाद आप उसके एक-एक पार्ट की सफाई कर सकते हैं.
गन लाइसेंस
जानकारी के मुताबिक अपने देश में आर्म्स एक्ट, 1959 के तहत आत्मरक्षा के लिए जिला प्रशासन से कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति लाइसेंस लेकर हथियार खरीद सकता है. वहीं गन लाइसेंस हासिल करने के लिए सबसे पहले एक तय फॉर्मेट में आवेदन करना होता है. देश के कई राज्यों में ये प्रक्रिया ऑनलाइन भी है. लाइसेंस का आवेदन करते वक्त आपको बताना होता है कि किस तरह का हथियार अपने लाइसेंस पर लेना चाहते हैं. उदाहरण के लिए पिस्तौल, रिवॉल्वर जैसे छोटे हथियार या फिर राइफल, दोनाली जैसी बड़ी बंदूक लेना चाहते हैं. वहीं जो हथियार प्रोहिबिटेड हैं, उनको लाइसेंस पर नहीं चढ़ाया जा सकता है. जैसे 38 बोर, 9 एमएम, 303 जैसे हथियार है.
5 साल में लाइसेंस का होता है रिन्युअल
ऐसा नहीं है कि एक बार लाइसेंस लेने के बाद आप जीवनभर बंदूक रख सकते हैं. इसके लिए भी लाइसेंस रिन्युअल होता है. पहले ये लाइसेंस तीन साल के लिए मिलता था, जिसकी अवधि सरकार ने अब बढ़ाकर 5 साल कर दी है. यह अवधि खत्म होने के बाद लाइसेंस को फिर से रिन्यू कराना होता है. इसके लिए भी लाइसेंस धारक की पुलिस दोबारा जांच करती है, फिर लाइसेंस फीस जमा करनी होती है.
ये भी पढ़ें: मेट्रो का एक कोच ज्यादा महंगा होता है या ट्रेन की एक बोगी, दोनों की कीमत जानकर उड़ जाएंगे होश