बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार की एक फिल्म आने वाली है, जिसका नाम है ओमएजी 2 (OMG 2). ये फिल्म ओएमजी का अगला पार्ट है, जिसमें परेश रावल ने भगवान के ऊपर केस कर दिया था और अक्षय कुमार फिल्म में भगवान की भूमिका में नजर आए थे. अब फिल्म का एक और पार्ट रिलीज होने वाला है. अभी फिल्म के चर्चा में आने की वजह ये है कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म को ए यानी एडल्ट सर्टिफिकेट मिला है. वैसे फिल्म में किसी सीन पर कट नहीं लगाया गया है और कुछ बदलाव के सुझाव दिए गए हैं. अब सवाल है कि ये फिल्म को भगवान से जुड़ी है तो फिर इस फिल्म को ए सर्टिफिकेट क्यों दिया गया है.
तो हम आपको बताते हैं कि आखिर सेंसर बोर्ड की ओर से ये सर्टिफिकेट किस आधार पर दिए जाते हैं और अगर फिल्म को A सर्टिफिकेट मिला है तो इसका क्या मतलब है. जानते हैं सेंसर बोर्ड के इन सर्टिफिकेट से जुड़ी खास बात...
कितने तरह के सर्टिफिकेट मिलते हैं?
पहले आपको बताते हैं कि सेंसर बोर्ड की ओर से कितने तरह के सर्टिफिकेट दिए जाते हैं. सेंसर बोर्ड की ओर से U, UA, S, A सर्टिफिकेट दिए जाते हैं. इसमें U सर्टिफिकेट का मतलब है कि इसे बिना किसी रोक-टोक के कोई भी देख सकता है, UA का मतलब है 12 साल से ऊपर के बच्चे पैरेंट्स के साथ फिल्म देख सकते हैं, A का मतलब है कि फिल्म को सिर्फ व्यस्क लोग ही देख सकते हैं और S का मतलब है फिल्म को खास वर्ग के लोग जैसे डॉक्टर आदि ही देख सकते हैं.
UA सर्टिफिकेट में होगा बदलाव
बता दें कि सोमवार को ही सेंसर बोर्ड के फिल्म सर्टिफिकेशन के पुराने सिस्टम में बदलाव के लिए सोमवार को लोकसभा में सिनेमैटोग्राफ संशोधन विधेयक 2023 पास किया गया है. इस बिल में फिल्म की यूए कैटेगरी में तीन और कैटेगरी बनाई गई है. अभी यूए सर्टिफिकेट में 12 साल से कम उम्र के बच्चों को पैरेंट्स के साथ फिल्म देखने की छूट देती है. अब इसमें यूए 7प्लस, यूए 13 प्लस और यूए 16 प्लस कैटेगरी भी होंगी, जिसमें कंटेंट को और स्पेसिफिक कर दिया जाएगा.
किस आधार पर मिलता है सर्टिफिकेट?
दरअसल, जब भी कोई फिल्म रिलीज होनी होती है, उससे पहले सेंसर बोर्ड से एक सर्टिफिकेट लेना जरुरी होता है यानी ये एक तरह की परमिशन है, जो फिल्म मेकर को फिल्म रिलीज करने से पहले लेनी होती है. हर फिल्म को सेंसर बोर्ड की एक कमेटी देखती है और वो अपने हिसाब से उसे कैटेगरी की फिल्म मानती है, जिसके आधार पर ही फिल्म का प्रदर्शन किया जा सकता है. जैसे अगर सेंसर बोर्ड ने फिल्म में कुछ आपत्तिजनक कटेंट देखकर या कुछ एडल्ट कंटेंट देखकर A सर्टिफिकेट दे देते हैं, तो उस फिल्म को 18 साल से अधिक उम्र के लोग ही देख सकते हैं.
अगर फिल्म ओएमजी 2 की बात करें तो फिल्म में कुछ सीन ऐसे होंगे, जिन्हें सेंसर बोर्ड ने माना होगा कि वो बच्चे के लिए सही नहीं है या फिर कुछ विवादास्पद कंटेट हो सकता है, जिसकी वजह से इसे एडल्ट कैटेगरी में रखा गया है. फिल्म में कुछ ऐसा कंटेंट हो सकता है जिससे बच्चों की मानसिक स्थिति पर असर पड़ सकता है, ऐसे में ए कैटेगरी में रखा गया है. बता दें कि एडल्ट कंटेंट का मतलब सिर्फ अश्लील कंटेंट से नहीं है, बल्कि धर्म, हिंसा के आधार पर भी कंटेंट को एडल्ट श्रेणी में रखा जाता है.
क्या है ए सर्टिफिकेट का मतलब?
अब आपको बताते हैं कि ए सर्टिफिकेट मिलने के बाद क्या होगा. एक तो सेंसर बोर्ड की ओर से कुछ सीन मॉडिफाई करने के लिए कहा गया है तो उनमें बदलाव संभव है. इसके अलावा फिल्म रिलीज के बाद थिएटर्स में सिर्फ एडल्ट लोगों की ही एंट्री होगी और फिल्म को 18 साल से उम्र के लोग नहीं देख पाएंगे.
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