समंदर के किस कोने में है पॉइंट निमो, यहां जाना क्यों मानते हैं खतरनाक?
स्पेस में दुनियाभर के तमाम देशों ने सैटेलाइट छोड़ा हुआ है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब ये सैटेलाइट खराब हो जाते हैं, तो इन्हें कहां पर गिराया जाता है. आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे.

अंतरिक्ष की दुनिया रहस्यों से भरी हुई दुनिया है. इन रहस्यों को सुलझाने के लिए ही अलग-अलग देशों की स्पेस एजेंसियां काम करती है. इतना ही नहीं अधिकांश देशों ने स्पेस में अपने सैटेलाइट भी भेजे हुए हैं. अब सवाल ये है कि आता है कि आखिर इतने सारे सैटैलाइट को खराब होने के बाद कहां गिराया जाता है और वो जगह किस देश में है. आज हम आपको उसी जगह के बारे में बताएंगे.
पॉइंट निमो?
बता दें कि धरती की सबसे सुनसान जगह का नाम पॉइंट निमो है. इस जगह पर ही सभी देशों के वैज्ञानिक खराब सैटेलाइट को गिराते हैं. जी हां, जो सैटेलाइट खराब हो जाती हैं, उसे निमो पॉइंट पर गिराया जाता है. अब आपके मन में ये सवाल आ रहा होगा कि इस जगह की खोज किसने की है. बता दें इस जगह की खोज एक सर्वे इंजीनियर Hrvoje Lukatela ने साल 1992 में की थी.
आज के वक्त भी इस जगह पर ना तो कोई इंसान है, ना ही जीव-जंतु और ना ही कोई वनस्तपति है. ऐसे में इस जगह पर स्पेस में खराब हुई सैटेलाइट को गिराया जाता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक यहां अब तक 100 से भी ज्यादा सैटेलाइट्स का कबाड़ इकट्ठा किया जा चुका है. यहां हजारों किलोमीटर दूर तक सैटेलाइट्स का मलबा बिखरा हुआ है.
कहां पर मौजूद है पॉइंट निमो?
पाइंट नीमो को सैटेलाइट का कब्रिस्तान भी कहा जाता है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक पॉइंट नीमो दक्षिण प्रशांत महासागर में न्यूजीलैंड और चिली के बीच समुद्र में एक जगह है, जिसे जमीन से सबसे दूर माना जाता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि ये जगह जमीन से 2,688 किलोमीटर दूर मौजूद है. ये जगह समुद्र को वो बिंदु है जो, जो सबसे दुर्गम है. बता दें कि इस जगह से अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन महज 415 किलोमीटर की दूर मौजूद है. बता दें कि यहां किसी भी देश का अधिकार नहीं है.
जमीन से पास है अंतरिक्ष
बता दें कि अगर पॉइंट निमो से आप सूखी जमीन तलाशेंगे, तो सबसे पास का द्वीप करीब 2,700 किलोमीटर दूर है. वहीं अगर इस जगह से आप 400 किलोमीटर ऊपर की ओर चलेंगे तो आप अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर पहुंच जायेंगे. इस तरह इस जगह से जमीन से ज्यादा पास अंतरिक्ष है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक 1971 से 2008 के बीच ग्लोबल स्पेस पावर, जैसे अमेरिका, रूस, जापान और यूरोप जैसे देशों ने यहां 263 स्पेस ऑब्जेक्ट को गिराया है.
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