Delhi Assembly Elections: दिल्ली में वोटर्स के नाम काटने के आरोप, जानें कैसे वोटर लिस्ट से हटाए जाते हैं नाम?
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग पर मतदाताओं का नाम काटने का आरोप लगाया है. क्या आप जानते हैं कि वोटर लिस्ट से नाम कैसे कटता है और इसके लिए क्या नियम होता है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर सभी पार्टियों ने कमर कस लिया है. वहीं चुनाव से पहले आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो चुका है. दरअसल आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने निर्वाचन आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा आयोग जानबूझकर मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से नाम हटा रहा है. अब सवाल ये है कि वोटर्स लिस्ट से कैसे चुनाव आयोग किसी का नाम हटा सकता है और इसके लिए क्या नियम है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग जानबूझकर मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से नाम हटा रहा है. हालांकि उनके इस बयान पर जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) ने नई दिल्ली में शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि ये आरोप फैक्चुअली गलत और निराधार हैं. इस दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी ने उदाहरण के लिए संजय सिंह की पत्नी अनीता सिंह के मामले पर प्रकाश डाला है, जिसमें उन्होंने मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए आवेदन किया था.
कैसे हट सकता है किसी वोटर्स का नाम?
अब सवाल ये है कि किसी वोटर का नाम चुनाव लिस्ट से कैसे हट सकता है. बता दें कि मतदाता सूची से नाम हटाना की प्रक्रिया ईसीआई द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार सख्ती से की जाती है. इसके लिए आवेदक को फॉर्म 7 दाखिल करना होता है. इतना ही नहीं नाम हटाने की प्रकिया में बूथ लेवल ऑफिसर (BLP), बीएलओ पर्यवेक्षकों और अन्य अधिकारियों द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार गहन फील्ड सत्यापन किया जाता है. जानकारी के लिए बता दें कि नाम हटाने के लिए सूची जमा करने से नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू नहीं होती है.
आयोग आवेदन कर सकता है खारिज
बता दें कि चुनाव आयोग नामों को हटाने के लिए आवेदन को खारिज कर सकता है. दरअसल फॉर्म 7 आवेदनों को उचित प्रक्रिया और फील्ड सत्यापन के बाद खारिज किया जाता सकता है. क्योंकि प्रत्येक आवेदन की व्यक्तिगत रूप से जांच की जाती है और यदि वह अमान्य पाया जाता है तो उसे योग्यता के आधार पर खारिज कर दिया जाता है.
मृतक के नाम हटाने का आवेदन
बता दें कि अगर किसी व्यक्ति की मौत होती है, तो उसका नाम वोटर लिस्ट से हटाने के लिए भी फॉर्म 7 भरता होता है. इसके बाद बूथ लेवल ऑफिसर इसका सत्यापन करते हैं कि व्यक्ति की मृत्यु कब हुई है. जिसके बाद वो उस व्यक्ति को मृत घोषित करके फाइल आगे बढ़ा देते हैं. अगर इस दौरान उन्हें सही जानकारी नहीं मिलती है, तो आवेदन रद्द कर दिया जाता है.
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