स्कूल में पढ़ाई की शुरूआत किस अक्षर से होती है ? अधिकांश लोग इसका जवाब a,b,c,d देंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अल्फाबेट्स में आने वाले i और j के ऊपर बिंदी क्यों लगी होती है और इस बिंदी को क्या कहते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि आई और जे के ऊपर बिंदी क्यों लगी होती है. 


किस अक्षर को लिखने के लिए पेन उठाना पड़ता ?


अल्फाबेट्स में आपने ध्यान दिया होगा कि अक्षर आई (i) और जे (j) ऐसे अक्षर हैं, जिन्हें लिखने के लिए आपको पेन को उठाना ही पड़ता है. क्योंकि i और j को लिखते समय इनके ऊपर बिंदी लगाना पड़ता है. 


क्या है इस डॉट का असली नाम ?


अल्फाबेट्स के i और j अक्षर पर आपने ध्यान दिया होगा कि इसके ऊपर डॉट लगे होते हैं. लेकिन असल में इन्हें डॉट नहीं कहते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक i और j अक्षरों के ऊपर जो बिंदी लगी होती है, उसे 'टाइटल' कहा जाता है. वहीं इसे एक और नाम से भी जाना जाता है, जिसे ग्लिफ कहा जाता है. बता दें कि इस ग्लिफ से किसी दूसरी भाषा में अक्षर का मतलब चेंज हो जाता है. हालांकि इंग्लिश में i और j का अर्थ नहीं बदलता है.


क्यों लगाए जाते हैं ये डॉट


जानकारी के मुताबिक लैटिन भाषा से डॉट की शुरूआत हुई थी. लैटिन में इस टाइटल यानी डॉट को 'टिटुलुस' कहा जाता है. लैटिन मैन्यूस्क्रिप्ट में सब्जेक्ट लिखते समय आस-पास के शब्दों को i और j से अलग दिखाने के लिए इनपर डॉट लगाई थी.


हर भाषा में होता है अलग मतलब


रोमन में टाइटल की शुरुआत 15वीं शताब्दी के अंत में हुई थी. जानकारी के मुताबिक ऐसी भी कई भाषाएं हैं, जिसमें i का इस्तेमाल तो किया जाता है, लेकिन डॉट की वजह से इसे अलग दिखाया गया है. इतना ही नहीं उन भाषाओं में आई का अलग अर्थ होता है. बता दें कि दुनियाभर की अधिकतर भाषाओं में बिंदी लगने से अक्षर का अर्थ बदल जाता है. हालांकि इंग्लिश में ऐसा नहीं होता है.


 


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