Amarnath Yatra 2024 Date: जम्मू कश्मीर में बाबा अमरनाथ यात्रा शनिवार 29 जून से शुरू होने जा रही है. आषाढ़ पूर्णिमा से शुरुआत होने वाली इस यात्रा के लिए लाखों भक्त पूरे साल इंतजार करते हैं. ऐसे में क्या आप जानते हैं कि बाबा बर्फानी भक्तों को कितने समय तक दर्शन देते हैं? चलिए जानते हैं.
कितने समय तक भक्तों को दर्शन देते हैं बाबा बर्फानी?
बता दें कि आषाढ़ पूर्णिमा से शुरू होने वाले बाबा बर्फानी के दर्शन श्रावण पूर्णिमा तक चलते हैं. इस दौरान दो महीनों तक बाबा बर्फानी भक्तों को दर्शन देते हैं. भगवान शिव के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक अमरनाथ धाम में भगवान शिव के दुर्लभ और प्राकृतिक दर्शन होते हैं. अमरनाथ की पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी कब से विराज रहे हैं और उनके भक्त उनके दर्शन के लिए कब से वहां पहुंच रहे हैं, इसका कोई लिखित प्रमाण नहीं है. हालांकि, माना जाता है कि किसी वजह के चलते यह गुफा लोगों की स्मृतियों से लुप्त हो गई थी, फिर लगभग डेढ़ सौ साल पहले इसे फिर से खोजा गया.
अलग-अलग पड़ाव करने होते हैं पार
अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी की प्राकृतिक रूप से शिवलिंग बनता है, जो किसी आश्चर्य से कम नहीं है. हर साल हजारों भक्त बाबा का चमत्कार देखने यहां पहुंचते हैं. इस दौरान श्राइन बोर्ड की ओर से श्रद्दालुओं के लिए कई तैयारियां की जाती हैं. श्रद्दालुओं के लिए सेवादार भी जगह-जगह लंगर आयोजित करते हैं. हालांकि, यहां हर पड़ाव पर कई चुनौतियां होती हैं. भयंकर ठंड के बीच यहां श्रद्धालुओं को दर्शन करने होते हैं. यहां बर्फ हटाकर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए इंतजाम किए जाते हैं, फिर भी चुनौतियां कम नहीं होतीं.
कैसे प्रकट होते हैं अमरनाथ में शिवलिंग?
अमरनाथ गुफा में पहले बर्फ की एक छोटी आकृति बनती है, जो लगातार 15 दिन तक थोड़ी-थोड़ी बढ़ती जाती है. इसके बाद 15 दिन में इस शिवलिंग की ऊंचाई 2 गज से ज्यादा हो जाती है. फिर जैसे-जैसे चंद्रमा का आकार घटता जाता है तो शिवलिंग भी घटने लगता है और चांद जब लुप्त हो जाता है तो शिवलिंग भी अंतर्ध्यान हो जाता है.
अमरनाथ की गुफा तक जाने के दो रास्ते हैं. एक रास्ता पहलगाम की ओर जाता है तो दूसरा रास्ता सोनमर्ग होते हुए बालटाल की ओर से जाता है. कहा जाता है कि 15वीं शताब्दी में एक मुसलमान गड़रिये ने इस गुफा को खोजा था. उस गड़रिये का नाम बूटा मलिक था.
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