जितने भी लोग बाइक चलाते हैं उन सबको पता है कि हेलमेट उनके लिए कितनी जरूरी चीज है. हेलमेट लगाकर बाइक चलाने पर आप ट्रैफिक पुलिस के चालान से तो बचते ही हैं, इसके साथ ही आप कई तरह की गंभीर दुर्घटनाओं से भी बच जाते हैं. दरअसल, जब आप हेलमेट पहन कर बाइक चला रहे होते हैं और उस वक्त आपके साथ कोई दुर्घटना हो जाती है तो हेलमेट आपके शरीर के सबसे जरूरी हिस्से सिर को बचा लेता है. कई रिपोर्ट्स में ये खुलासा हुआ है कि एक्सीडेंट के दौरान ज्यादातर लोगों की जान सिर में चोट लगने की ही वजह से जाती हैं. खैर, आज हम हेलमेट की उपयोगिता पर नहीं बल्कि उसके काले रंग पर बात करेंगे. इस आर्टिकल में हम जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर ज्यादातर बाइक के हेलमेट का रंग काला ही क्यों होता है. इसके पीछे की साइंस क्या है.


क्यों होते हैं बाइक के हेलमेट ब्लैक?


इसके पीछे साइंस से ज्यादा प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियों का प्रॉफिट जुड़ा है. दरअसल, हेलमेट बनाने वाली कंपनियां हेलमेट बनाने के लिए जिस प्लास्टिक या फाइबर ग्लास का इस्तेमाल करती हैं रंग काला ही होता है. इसके बाद जब प्रोसेस के दौरान इनमें और तरह के मटेरियल मिलाए जाते हैं तो इस पूरे मिक्सचर का कलर या पिगमेंट ब्लैक हो जाता है. कंपनियां अपना पैसा बचाने के लिए इसी पिगमेंट के साथ हेलमेट का निर्माण कर देती हैं.


वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों का तर्क ये है कि कंपनियां ऐसा फैशन को ध्यान में रख कर करती हैं. दरअसल, काला रंग हर तरह के कपड़ों और बाइक के कलर के साथ चल जाता है. इसलिए कंपनियां काले रंग का हेलमेट ज्यादा बनाती हैं. इसके अलावा इंसानों के बाल का रंग ज्यादातर काला ही होता है, इसलिए जब वह काले रंग का हेलमेट लगाते हैं तो उनके सिर पर हेलमेट अलग या फिर देखने में खराब नहीं लगता. हालांकि, अब कई बाइक कंपनियां अपनी बाइक के कलर से मैच करता हुआ हेलमेट बना रही हैं और युवाओं के खूब पसंद भी आ रहे हैं.


हेलमेट ना लगाने की वजह से कितनी मौतें होती हैं?


सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की 2021 की एक रिपोर्ट के अनुसार, सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली कुल मौतों में से 46,593 लोगों की जान इसलिए गई थी क्योंकि उन्होंने हेलमेट नहीं लगाया था. जबकि इस साल कुल  4,12,432 रोड एक्सीडेंट हुए थे. 2020 के मुकाबले 2021  में रोड एक्सीडेंट की संख्या में कुल 12.6 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई थी. जबकि, इन दुर्घटनाओं में लोगों की मरने की संख्या में 16.9 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई थी.


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