ग्रीन कार्ड किसी दूसरे देश से अमेरिका में बसने वालों केलिए एक पहचान की तरह होता है. जिसकी मदद से अमेरिकी नागरिकों जैसी सुविधाएं मिलती हैं. ग्रीन कार्ड को यूनाइटेड स्टेट्स पर्मानेंट रेसीडेंट कार्ड कहा जाता है. जो अमेरिकी नागरिकता हासिल करने का बुनियादी चरण है. हालांकि मौजूदा समय में इसे पाना काफी मुश्किल हो गया है. पहले के समय में ये रेवड़ियों को भाव में बांटे जाते थे.
ग्रीन कार्ड के लिए अलग-अलग भागों में बंटे हैं लोग
अप्रवासियों को ग्रीन कार्ड देने के लिए कई वर्गों में बांटा गया है. वहां जाकर बसने वाले नौकरी, निवेश, फैमिली या विशेषीकृत नौकरी कैटेगरी के जरिए से ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं. बता दें अमेरिका में बेहतर जीवन स्तर और समृद्धि की वजह से बड़ी तादाद में लोग वहां जाते हैं और ग्रीन कार्ड हासिल करने की कोशिश करते हैं. ये अमेरिका की नागरिकता पाने का पहला ही चरण होता है. ग्रीनकार्ड पाने वाले अमेरिका के नागरिक नहीं होते और न ही चुनावों में वहां पोट करने का अधिकार रखते हैं.
पहले आसान था ग्रीन कार्ड पाना
पहले ग्रीन कार्ड पाना काफी आसान हुआ करता था, हालांकि धीरे-धीरे नियमों में बदलाव होते गए और अब अमेरिका में ग्रीन कार्ड काफी मुश्किल हो गया है. हर साल इस देश में 10 लाख ग्रीन कार्ड जारी किए जाते हैं. वहीं अमेरिका में भारतीयों को ग्रीन कार्ड पाना काफी मुश्किल होता है. पिछले साल यानी 2023 में सामने आए डेटा के अनुसार अमेरिका में ग्रीन कार्ड पाने वालों की कतार लंबी है. जानकारी के अनुसार, यहां 11 लाख भारतीय रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड पाने की कतार में लगे हुए हैं. वहीं 4 लाख भारतीय लोगोंं को तो ऐसे हैं जो ग्रीन कार्ड पाने से पहले ही मर जाएंगे.
स्टडी में क्या हुआ खुलासा
अमेरिकी रिसर्ट इंस्टिट्यूट 'कैटो इंस्टिट्यूट'के डेविड जे बियर के अध्ययन के मुताबिक, मार्च 2023 में 80,324 रोजगार-आधारित आवेदन लंबित थे. 13 लाख प्रतीक्षा सूची में और 2,89,000 अन्य स्तर पर लंबित थे.
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