अंतरिक्ष में खुलेगा पेट्रोल पंप, ये कंपनी खोल रही... जानिए ऐसा क्यों किया जा रहा
Space: कुछ दिन बाद अंतरिक्ष में 'गैस स्टेशन' खुलने वाला है. जिसमें सैटेलाइट की तरह ही स्पेस में गैस स्टेशन होगा. सैटेलाइट्स इससे जुड़कर फ्यूल ले सकेंगे. आइए जानते हैं इसके क्या फायदे होने वाले हैं.
Fuel Station In Space: जब गाड़ी के ईंधन खत्म हो जाता है, तो आपको पेट्रोल पंप या फिर गैस स्टेशन जाकर उसकी फिर से रिफ्यूलिंग करवानी पड़ती है. पृथ्वी पर रहते हुए किसी भी वाहन की रिफ्यूलिंग करना आसान है. लेकिन, अंतरिक्ष में घूम रहे सेटेलाइट्स का क्या...? उन्हे कैसे रिफ्यूल किया जाए? इसी दिशा में अब अंतरिक्ष में भी 'गैस स्टेशन' खुलने जा रहा है. यानी जैसे धरती पर पेट्रोल पंप होता है, वैसे ही स्पेस में स्टेलाइट्स के लिए भी एक पेट्रोल पंप होगा. सैटेलाइट्स इस 'गैस स्टेशन' से ईंधन ले सकेंगे.
ये कंपनी खोल रही अंतरिक्ष में फ्यूल स्टेशन
ऑर्बिट फैब (Orbit Fab) नाम की अमेरिकी कंपनी कुछ दिन बाद अंतरिक्ष में 'गैस स्टेशन' खोलने वाली है. जिसमें सैटेलाइट की तरह ही स्पेस में गैस स्टेशन होगा. सैटेलाइट्स इससे जुड़कर फ्यूल ले सकेंगे. अमेरिकी स्टार्टअप कंपनी ऑर्बिट फैब के सीईओ डैनियल फेबर का कहना हैं कि इसके लिए टैंकर सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे और दुनियाभर के सेटेलाइट्स इनसे ईंधन ले पाएंगे.
भविष्य में मिलेंगे बहुत फायदे
इससे फायदा यह होगा कि लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यान या सैटेलाइट्स को बीच में ईंधन की कमी नहीं होगी और न ही उन यानों को दिक्कत आएगी, जो भविष्य में चंद्रमा या मंगल की यात्रा पर जाएंगे. क्योंकि उन्हें बीच में ही ईंधन की सुविधा मिलेगी.
पुराने सेटेलाइट्स से लिया जा सकेगा ज्यादा काम
ऑर्बिट फैब कंपनी के रीफ्यूलिंग स्टेशन का नाम तेनजिंग टैंकर-001 है. इससे उन देशों के सैटेलाइट्स भी दोबारा से काम में आ पाएंगे, जिनका ईंधन खत्म हो चुका है. उन सेटेलाइट्स में ईंधन भरकर फिर से काम करा सकते हैं. इससे नए सैटेलाइट भेजने का खर्च भी बचेगा और अंतरिक्ष में कचरा बढ़ना भी बंद होगा.
सैटेलाइट्स के पास जाकर भरेगा उनमें ईंधन
तेनजिंग टैंकर-001, सैटेलाइट्स में फ्यूल भरने के साथ ही धरती की तस्वीरें भी लेगा और मौसम संबंधी जानकारियां भी देगा. फिलहाल इसका मुख्य काम अर्थ ऑब्जरवेशन और मौसम संबंधी जानकारी देने वाले सैटेलाइट्स की रिफ्यूलिंग करना है. यह खुद सैटेलाइट्स के पास जाकर उनमें ईंधन भरेगा और फिर वहां से अलग हो जाएगा.
US company Orbit Fab is aiming to produce "gas stations" in space.
— AFP News Agency (@AFP) April 27, 2023
Its CEO tells @AFP the company hopes its refueling technology will make the surging satellite industry more sustainable -- and profitablehttps://t.co/6n4MugtBs2 pic.twitter.com/5yzrVxNtza
बड़े फ्यूल स्टेशन पर चल रहा काम
डैनियल ने बताया कि यह प्रोटोटाइप रीफ्यूलिंग स्टेशन सफल रहा है और अब वो इससे बड़ा सैटेलाइट्स रीफ्यूलिंग स्टेशन लॉन्च करने पर काम कर रहे हैं. जिसके बाद कई सैटेलाइट्स में और किसी भी ऑर्बिट में जाकर फ्यूल भर सकेंगे.
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