Milk Price Hike: गुजरात की कंपनी अमूल (Amul Company) ने एक बार फिर दूध की कीमतों (Milk) में इजाफा कर दिया है. दूध की कीमत 3 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दी गई है. यह तत्काल प्रभाव से लागू होगा. जब आप बाजार से दूध लेने जाते हैं तो दुकानदार आपसे पूछता है कि कौन-सा दूध देना है. मार्केट में कईं तरह के पैकेट बंद दूध उपलब्ध हैं और हर दूध में अलग-अलग तरह के न्यूट्रिशन और मिनरल्स पाए जाते हैं. ऐसे में आपके लिए ये जानना जरूरी है कि किस दूध में क्या पाया जाता है और आपके लिए कौन सा दूध पीना सही रहेगा. आइए आज जानते हैं दूध के बारे में कि ये कितनी तरह का होता है...


फुल क्रीम दूध (Full Cream Milk)
फुल क्रीम दूध में गाढ़ी मलाई होती है. इस दूध में सभी फैट मौजूद रहते हैं. हानिकारक जीवाणुओं को मारने के लिए इस दूध का पहले पास्चुरीकरण किया जाता है, जिसके लिए कई तरह की तकनीकों को इस्तेमाल किया जाता है. फुल क्रीम दूध खासतौर से बच्चों, युवाओं और बॉडी बिल्डर्स के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है. इन्हे यही दूध पीना चाहिए. फुल क्रीम दूध के एक ग्लास में 3.5 फीसदी मिल्क फैट पाया जाता है, यह लगभग 150 कैलोरी देता है. फुल क्रीम दूध मलाईदार से भरपूर और स्वादिष्ट होता है.


सिंगल टोंड मिल्क
सिंगल टोंड मिल्क, पानी और स्किम्ड मिल्क पाउडर को पूरे दूध में मिलाकर बनाया जाता है. इस दूध में लगभग 3 फीसदी फैट होता है. यह  दूध से मिलने वाले कोलेस्ट्रॉल को शरीर में कम करता है. इसमें भी होल मिल्क की तरह न्यूट्रिशन पाया जाता है (घुलनशील विटामिन को छोड़कर). टोन्ड दूध की एक गिलास मात्रा से लगभग 120 कैलोरी मिलती हैं.


डबल टोंड मिल्क
डबल टोंड मिल्क पूरे दूध में स्किम्ड मिल्क पाउडर को मिला कर बनाया जाता है. इसमें लगभग 1.5 फीसदी फैट होता है. अगर आप अपना वजह काम करना चाह रहे हैं तो आपके लिए यह दूध पीना ठीक है, क्योंकि यह दूध कैलोरी की मात्रा को नियंत्रण में रखता है जिससे वेट लॉस में मदद मिलती है.


स्किम्ड मिल्क (Skimmed Milk)
स्किम्ड मिल्क 0.3 से 0.1 फीसदी वसायुक्त होता है. स्किम्ड मिल्क में पूरे दूध में पाए जाने वाले विटामिन, मिनरल्स जैसे सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं. स्किम्ड मिल्क से लगभग 75 कैलोरी मिलती है. इसमें फैट विटामिन (विशेष रूप से विटामिन ए) बहुत कम पाया जाता है, इसमें होल मिल्क (Whole Milk) की तुलना में अधिक कैल्शियम होता है.


लैक्टोज-फ्री दूध (Lactose-Free Milk)
बहुत से लोगों को लैक्टोज इंटॉलरेंस की समस्या होती है, इसमें लोगों को दूध हजम नहीं हो पाता है. यह समस्या ज्यादातर बच्चों और कुछ व्यसकों में भी देखने को मिलती है. लैक्टोज इंटॉलरेंस से बचने के लिए बाजार में.लैक्टोज फ्री दूध भी आता है. इस दूध में मौजूद लैक्टोज को पहले ही अल्ट्राफिल्ट्रेशन तकनीक से ग्लूकोज और गैलेक्टोज में बदल दिया जाता है, जिससे दूध आसानी से पच जाता है. 


फ्लेवर्ड मिल्क (Flavoured Milk)
दरअसल, दूध का स्वाद बढ़ाने के लिए जब उसमें कलर, फ्लेवर और एक्स्ट्रा शुगर मिलाया जाता है, तो उसे फ्लेवर्ड मिल्क कहते हैं. फ्लेवर्ड मिल्क को अक्सर अल्ट्रा-हाई-टेम्परेचर ट्रीटमेंट के जरिए संरक्षित किया जाता है. 


ऑर्गेनिक मिल्क (ऑर्गेनिक मिल्क)
ऑर्गेनिक मिल्क या जैविक दूध ऐसी गायों से मिलता है, जिन्हें कभी भी किसी भी प्रकार के हार्मोनल इंजेक्शन न दिए गए हों. साथ गाय को खिलाने के लिए इस्तेमाल होने वाला चारा भी जैविक आधारित होता है.


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