हजारों लोगों की भीड़ के सामने दी गई थी इस हाथी को फांसी, कसूर ये था
हाथी को फांसी देने के लिए 100 टन का वजन उठाने वाली एक क्रेन मंगवाई गई और 13 सितंबर 1916 को क्रेन की मदद से हाथी को हजारों लोगों के बीच फांसी पर लटका दिया गया.
The Elephant Was Hanged: किसी जघन्य अपराध के लिए इंसानों को तो फांसी देने की बात आपने खूब सुनी होंगी, लेकिन क्या कभी किसी हाथी को फांसी पर लटकाने के बारे में सुना है? सुनने में यह भले ही अजीब लगता है, लेकिन आज से करीब एक शताब्दी पहले अमेरिका में कुछ ऐसा ही हुआ था. हालांकि, आज के समय में ऐसी किसी भी घटना को जानवरों के प्रति क्रूरता माना जायेगा, लेकिन तब अमेरिका में बड़ी संख्या में लोगों ने हाथी को फांसी दिए जाने का खूब समर्थन किया था. आइए जानते हैं इस अनोखी घटना के बारे में और जानेंगे कि आखिर उस हाथी का कसूर क्या था...
पांच टन वजनी था हाथी
ये क्रूर घटना 13 सितंबर 1916 को हुई, जब अमेरिका के टेनेसी राज्य में दो हजार से अधिक लोगों के बीच मैरी नाम के एक हाथी को फांसी दी गई थी. इसके पीछे एक अजीब वजह थी. दरअसल, टेनेसी में 'स्पार्क्स वर्ल्ड फेमस शो' नाम का एक सर्कस था, जिसे चार्ली स्पार्क नाम का एक व्यक्ति चलाता था. उस सर्कस में बाकी जानवरों के अलावा करीब पांच टन वजन वाला मैरी नाम का एक एशियाई हाथी भी था. बताया जाता है कि एक दिन मैरी के महावत ने किसी कारणवश सर्कस छोड़ दिया. जल्दबाजी में उसकी जगह पर एक नए महावत को रखा गया.
महावत के भाला मारने पर आया था हाथी को गुस्सा
नए महावत को मैरी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी और ना ही मैरी ने उस महावत के साथ ज्यादा समय बिताया था, इसलिए महावत को उसे कंट्रोल करने में परेशानी हो रही थी. इसी बीच सर्कस के प्रमोशन के लिए एक दिन शहर में परेड का आयोजन हुआ. इस परेड में मैरी समेत सारे जानवर और सर्कस के सभी कलाकार शामिल हुए. परेड के दौरान रास्ते में मैरी खाने की चीजें देख उनकी ओर तेजी से आगे बढ़ने लगा. नए महावत ने मैरी को रोकने की बहुत कोशिश की, लेकिन वो नहीं रूका. इसलिए महावत ने मैरी के कान के पीछे भाला मार दिया.. भाला लगते ही मैरी गुस्से से तिलमिला उठा. उसने महावत को नीचे गिरा दिया और उसके ऊपर पैर रख दिया. महावत की मौके पर ही मौत हो गई. इस घटना को देख लोगों में भगदड़ मच गई और उन्होंने हाथी को मार डालने के नारे लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया.
मजबूरन लेना पड़ा यह फैसला
उस समय तो मामला शांत हो गया, लेकिन अगले दिन के अखबारों में यह घटना प्रमुखता से छपी, जिसके बाद शहर के लोग सर्कस के मालिक चार्ली स्पार्क से मैरी को मृत्युदंड देने की मांग करने लगे. साथ ही लोग इस बात की धमकी भी देने लगे कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वो फिर कभी सर्कस नहीं होने देंगे. कोई हाथी को ट्रेन से कुचलवा कर मारने की बात कहता तो किसी ने हाथी को करंट देकर मारने की बात कही.
आखिरकार लोगों की जिद के आगे सर्कस के मालिक चार्ली स्पार्क को झुकना पड़ा और उन्होंने मैरी को मृत्युदंड देने का फैसला किया. हाथी को फांसी देने के लिए 100 टन का वजन उठाने वाली एक क्रेन मंगवाई गई और 13 सितंबर 1916 को क्रेन की मदद से हाथी को हजारों लोगों के बीच फांसी पर लटका दिया गया. इस घटना को इतिहास में जानवरों के प्रति सबसे क्रूर उदाहरण माना जाता है.
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