(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की शादी के पहले हुई मोसालू सेरेमनी, क्या है ये और क्यों की जाती है?
Radhika-Anant Wedding: अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं. दोनों की शादी की रस्मों में मोसालू सेरेमनी भी आयोजित की गई. चलिए जानते हैं कि आखिर ये है क्या?
Anant Ambani and Radhika Merchant Wedding: अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की शादी को दशक की सबसे भव्य शादी कहा जाए तो गलत नहीं होगा. दोनों 12 जुलाई को शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं. इस बीच दोनों की शादी की रस्में शुरु हो गई हैं. बुधवार को अंबानी हाउस में मोसालू सेरेमनी का आयोजिन किया गया. अब कई लोगों के मन में ये सवाल आ रहा है कि आखिर ये रस्म होती क्या है और इसमें क्या होता है? चलिए जान लेते हैं.
क्या होती है मोसालू सेरेमनी?
भारतीय शादियां पारंपरिक रीति-रिवाजों के बिना अधूरी मानी जाती हैं. हमारे देश में हर समुदाय और राज्य में विवाह से पहले अपने विशिष्ट नियम और रस्में निभाई जाती हैं. मोसालू भी शादी के पहले की जाने वाली एक रस्म है. इसे मामेरू के नाम से भी जाना जाता है, जिसका मतलब होता है मामा या मामा के घर से होने वाली रस्में. इस रस्म में दुल्हन को मामा के घर से गिफ्ट दिए जाते हैं. जिसमें पारंपरिक कपड़े, आभूषण और पारंपरिक साड़ियां और हाथीदांत की चूड़ियां सहित अन्य वस्तुएं शामिल होती हैं. इस दौरान होने वाली दुल्हन के घर मामा का भ्वय स्वागत किया जाता है.
वहीं मामा के घर से दिए जाने वाले इन उपहारों को समृद्ध और सुखी विवाहित जीवन के लिए मामा का आशीर्वाद माना जाता है. मामेरू में मामा के घर से एक सजी हुई टोकरी में उपहार लाए जाते हैं और फिर दुल्हन उनके पैर छूती है. आमतौर पर ये समारोह शादी के एक दिन पहले होता है. इस समारोह के दौरान पारंपरिक संगीत और नृत्य भी शामिल होता है.
ये है मोसालू का इतिहास
मोसालू या ममेरू की प्रथा उस समय से चली आ रही है जब लड़कियों को कोई कानूनी अधिकार नहीं था. उस समय बेटियों की शादी में माता-पिता खास उपहार देते थे ताकि उनकी बेटी अच्छे से रह सके. इसके बाद जब उसका बच्चा होता है तब भी उपहार दिए जाते हैं ताकि उसके बच्चे का पालन पोषण अच्छे से हो सके. फिर जब वही बच्चा बड़ा हो जाता है और उसकी शादी हो रही होती है तो उसे भी ममेरू परंपरा के तहत उपहार दिए जाते हैं. ये परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है. जिससे ये सुनिश्चित होता है कि माता-पिता की संपत्ति में उसकी बेटी को भी हर समय कुछ न कुछ दिया गया है.
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