एनिमल मूवी आपने भी देखी होगी और आपके दोस्तों ने भी, और सबसे ज्यादा रोमांचित आपको रणवीर कपूर के किरदार ने किया होगा. आपको भी एक बार लगा होगा कि इस किरदार के जैसे ही आपको भी अल्फा मेल बनना है. पर, उससे पहले ये जान लें कि अल्फा मेल क्या होता है या किसे कहते है? बता दें कि एनसीआरबी (National Crime Records Bureau) के आंकड़ों के अनुसार, साल 2022 में भारत में सबसे ज्यादा हत्याएं निजी दुश्मनी की वजह से हुईं है, अगर इनके आंकड़ों की बात करें तो ये 3761 हैं. ये रिपोर्ट उस समय आई है, जब समाज का एक तबका संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म एनिमल में दिखाए गए अल्फा मेल किरदार का जोरदार स्वागत करने में मग्न है.
क्या सच में हिंसक होते हैं अल्फा मेल
इस फिल्म में अल्फा मेल वाला किरदार अपने बदले के लिए अपने दुश्मनों को कभी कुल्हाड़ी से काट रहा है, तो कभी मशीनगन से भून रहा है, तो किसी का गला बड़े ही बेदर्दी से रेत रहा है. फिल्म में किरदार काफी हिंसक है, मगर फिल्म में किरदार की हिंसा को जायज ठहराने के तमाम तर्क दिए गए हैं. इन्हीं कारणों से फिल्म बेहद हिंसक अपराधी किस्म के किरदार को एक अल्फा मेल के तौर पर परिभाषित करने में कामयाब होती दिख रही है. एक तरफ आपके सामने दुश्मनी की वजह से की गई हत्याओं के आंकड़े है, तो दूसरी तरफ हिंसा को ग्लोरीफाई करता एनिमल फिल्म का रणवीर कपूर वाला किरदार.
बदले की भावना से प्रेरित ये फिल्म इंसानी कत्ल को सही ठहराती जाती है, और समाज इनपर सीटी व तालियां पीट रहा है. ये चिंता का विषय है, न कि इंस्टाग्राम पर इसके गाने की रील बननी चाहिए कि… अगर तुझे हो गया कुछ, सारी दुनिया जला देंगे…’ ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अल्फा मेल ऐसे ही होते हैं जैसा कि इस फिल्म में दिखाया गया है?
क्या है इनकी परिभाषा
ऐसे में समाज में बहस छिड़ी हुई है कि अल्फा मेल कैसे होते हैं, क्या फिल्म में जैसा रणवीर कपूर का किरदार है अल्फा मेल ऐसे होते हैं… तो चलिए जानते हैं इसका जवाब… ऑक्सफोर्ड लर्नर्स डिक्शनरी के मुताबिक, किसी खास समूह का वह शख्स जिसके पास सबसे अधिक ताकत हो, वो अल्फा मेल कहलाता है. या यू कहें कि एक ऐसा व्यक्ति जो सामाजिक और व्यावसायिक स्थितियों पर अपनी पकड़ रखता है, वो अल्फा मेल है. कई लोगों का तो मानना है कि अल्फा मेल में कांफिडेंस भरा होता है. उसे अपनी ताकत और कैपेसिटी पर खूब विश्वास होता है.
अल्फा मेल खुद पर संदेह करना छोड़कर नई चुनौतियों के लिए हर वक्त तैयार रहता है. उसमें नेचुरल लीडरशिप की क्वालिटी होती है. उसे लोगों को अच्छे से गाइड करना आता है. वे विषम परिस्थितियों का आकलन करने में काफी तेज होते हैं और सही व उचित फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं. उनके बॉडी लैंग्वेज की वजह से लोगों पर उनका प्रभाव हमेशा छाया रहता है.
अब बात करते हैं कि आखिर इसे लेकर समाज में बहस क्यों हो रही है? दरअसल, इस फिल्म में रणवीर कपूर के किरदार को इतना भयानक दिखाया गया है कि वो अपने पिता से इतना प्यार करता है कि किसी भी हद तक जा सकता है चाहे वो किसी का बेदर्दी से कत्ल करना ही क्यों न हो. फिल्म में रणवीर ने अपनी पत्नी को खूब प्रताड़ित किया है, पर लोग इस किरदार पर दिल खोलकर तालियां पीटे जा रहे हैं. समाज के विद्वान इसे किरदार को सही नहीं मानते, उनका कहना कि फिल्में समाज को अच्छे या बुरे काम के लिए प्रेरित करती हैं. ऐसे में ये किरदार औरतों को समाज में नीचे धकेल देगा.
ये भी पढ़ें: इजरायल के यहालोम यूनिट से क्यों कांप रहा हमास? उसकी ताकत से अमेरिका भी हैरान