शापित है ये झील... जानवर पानी में जाते ही बन जाते हैं पत्थर की मूर्ती
अब आते हैं मेन सवाल पर...कि आखिरकार ऐसा क्या होता है जो वहां जाने वाले सभी पशु पक्षी मूर्ती बन जाते हैं. वैज्ञानिकों का बताना है कि ये सबकुछ इस झील में मौजूद पानी की वजह से है.
बचपन में जब हमें मेडुसा की कहानी सुनाई जाती थी तो हम उस पर यकीन नहीं करते थे. हमें लगता था कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है कि कोई किसी को सिर्फ देखकर पत्थर का बना सकता है. दरअसल, मेडुसा ग्रीक माइथॉलजी में एक फीमेल कैरेक्टर है जो देखने में बिल्कुल डरावनी है और उसके बारे में कहा जाता है कि वह जिसे एक बार देख ले वह पत्थर का बन जाता है. कई हॉलीवुड फिल्मों में भी इस कैरेक्टर को दर्शाया गया है. लेकिन हम आज बात इस कैरेक्टर की नहीं बल्कि एक ऐसे झील की कर रहे हैं... जिसमें अगर कोई जानवर या पक्षी जाता है तो वह पत्थर का बन जाता है. इस खतरनाक झील को मेडुसा लेक या फिर जॉम्बी लेक भी कहा जाता है.
कहां है यह झील
ये रहस्यमयी झील अफ्रीका महाद्वीप के तंजानिया देश में है. इस झील को वहां के लोग नैट्रॉन झील कहते हैं जो अरूषा क्षेत्र के न्गोरोन्गोरो जिले में स्थित है. आप इस झील के जैसे ही नजदीक जाएंगे आपको दिखेगा लाल रंग का एक विशाल झील जहां कई पशु पक्षियों की मूर्तियां (उनकी लाश जो मूर्ती की तरह बन गई है) दिखेंगी. यह दृश्य काफी डरावना लगता है, यही वजह है कि वहां के लोकल लोग उस इलाके में जाने से डरते हैं. ये लोग इस झील को शापित मानते हैं.
पशु पक्षी मूर्ती कैसे बन जाते हैं
अब आते हैं मेन सवाल पर...कि आखिरकार ऐसा क्या होता है जो वहां जाने वाले सभी पशु पक्षी मूर्ती बन जाते हैं. वैज्ञानिकों का बताना है कि ये सबकुछ इस झील में मौजूद पानी की वजह से है. दरअसल, इस झील में मौजूद पानी का एल्कलाइन आम झीलों के पानी से कहीं ज्यादा है. इस वजह से इस पानी का पीएच लेवल 10.5 तक मापा गया है.
इस झील के पानी में बढ़े एल्कलाइन के पीछे जो वजह बताई जाती है वो है दोइन्यो लेंगाई ज्वालामुखी जो इस झील के बहुत पास है. इस ज्वालामुखी से निकलने वाला लावा इस झील में मिलता है और पानी को खतरनाक रूप से एल्कलाइड बना देता है. यह दुनिया का इकलौता ज्वालामुखी है जिसके लावा में से नैट्रोकार्बोनाइट्स निकलता है. इस झील के पानी में ऐसे कई केमिकल पाए जाते हैं जो यहां मरने वाले पशु पक्षियों के लाशों के सड़ने की प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं, यही वजह है कि ये लाशें बिल्कुल मूर्तियों जैसी दिखती हैं.
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