Anmol Bishnoi Arrested: अमेरिका में पकड़ा गया लॉरेंस बिश्नोई का भाई, जानें किन देशों के साथ है भारत की प्रत्यर्पण संधि
लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई को अमेरिका के कैलिफोर्निया में भारतीय समयानुसार सोमवार (18 नवंबर, 2024) हिरासत में लिया गया है.
Anmol Bishnoi Arrested: अमेरिका के कैलिफोर्निया में लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई को भारतीय समयानुसार 18 नवंबर, 2024 को अरेस्ट कर लिया गया है. अनमोल के लिए पिछले महीने ही भारतीय सरकार ने गैर जमानती धारा के तहत वारंट जारी किया था. यह कार्यवाही मुंबई पुलिस की अपराध शाखा की ओर से अनमोल बिश्नोई के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू किए जाने के कुछ ही सप्ताह बाद हुई है. अनमोल बिश्नोई एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड और अभिनेता सलमान खान के बांद्रा स्थित आवास गैलक्सी अपार्टमेंट पर गोलीबारी के मामले में फरार आरोपी है. इसके अलावा अनमोल पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा दर्ज दो मामलों के अलावा 18 अन्य आपराधिक मामले भी दर्ज हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं कि किन देशों के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि है.
प्रत्यर्पण संधि क्या होती है?
प्रत्यर्पण संधि एक अंतरराष्ट्रीय समझौता होता है जिसके तहत दो देश एक-दूसरे को अपने देश में हुए अपराधों के लिए फरार अपराधियों को सौंपने के लिए सहमत होते हैं. यह संधि दोनों देशों की कानून व्यवस्था को मजबूत करने और अपराधियों को न्याय के दायरे में लाने में मदद करती है.
किन-किन देशों के साथ है भारत की प्रत्यर्पण संधि?
भारत ने कई देशों के साथ प्रत्यर्पण संधियां की हुई हैं.
संयुक्त राज्य अमेरिका (USA)
भारत और अमेरिका के बीच एक मजबूत प्रत्यर्पण संधि है. दोनों देशों के बीच यह समझौता 1997 में हुआ था, जिसके बाद दोनों देशों ने अपनी न्यायिक व्यवस्था को सहयोग देने का फैसला किया. इसका मतलब है कि यदि कोई भारतीय अपराधी अमेरिका में छिपा हुआ है, तो उसे भारत वापस लाया जा सकता है और आशीष बिश्नोई की गिरफ्तारी इस संधि के तहत हुई है, अब भारत उसे अपने देश लाने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है.
यूनाइटेड किंगडम (UK)
भारत और ब्रिटेन के बीच प्रत्यर्पण संधि 1992 में हुई थी. यह संधि दोनों देशों के बीच अपराधियों की त्वरित वापसी को सुनिश्चित करती है. यदि कोई व्यक्ति ब्रिटेन में भारतीय न्यायिक आदेशों से बचने के लिए छिपा होता है, तो भारत उसे वापस भेजने के लिए ब्रिटेन से अनुरोध कर सकता है.
ऑस्ट्रेलिया
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच प्रत्यर्पण संधि 2008 में हुई थी. यह संधि उन अपराधियों की वापसी को सुनिश्चित करती है जो दोनों देशों के कानूनों का उल्लंघन करते हैं. ऑस्ट्रेलिया में छिपे हुए कई भारतीय अपराधी भारत में न्यायिक कार्यवाही से बचने के लिए रह सकते हैं, और इस संधि के तहत उन्हें वापस भेजा जा सकता है.
कनाडा
भारत और कनाडा के बीच भी प्रत्यर्पण संधि है, जो विशेष रूप से संगठित अपराध, आतंकवाद और अन्य गंभीर अपराधों से संबंधित मामलों में लागू होती है. कई गैंगस्टर और आतंकवादी कनाडा में छिपने के लिए जाते हैं और इस संधि के तहत उन अपराधियों को वापस लाने के प्रयास किए जाते हैं.
दुबई (संयुक्त अरब अमीरात)
भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच भी प्रत्यर्पण संधि है. यह संधि विशेष रूप से व्यापारिक धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग, और आतंकवादी गतिविधियों के अपराधियों को प्रत्यर्पित करने के लिए लागू होती है.
सिंगापुर
भारत और सिंगापुर के बीच भी प्रत्यर्पण संधि है, जो मुख्य रूप से आर्थिक अपराध, मनी लॉन्ड्रिंग, और अन्य अंतरराष्ट्रीय अपराधों को कवर करती है. भारत ने कई बार सिंगापुर से आर्थिक अपराधियों की वापसी के लिए अनुरोध किया है.
मलेशिया और थाईलैंड
भारत की मलेशिया और थाईलैंड के साथ भी प्रत्यर्पण संधि है. इन देशों के साथ व्यापारिक धोखाधड़ी, संगठित अपराध और आतंकवाद से जुड़े अपराधियों को प्रत्यर्पित करने की प्रक्रिया है.
यह भी पढ़ें: शूट करते ही कितनी देर में चीन पहुंच जाएगी भारत की अग्नि-5 मिसाइल? खुद ही जान लें जवाब