Antarctica Blood Falls: पृथ्वी के दक्षिणी छोर पर मौजूद अंटार्कटिका महाद्वीप पर लाल रंग का खूनी झरना बहता है. इस झरने के बारे में जब कोई सुनता है या फिर इसे देखता है तो हैरान रह जाता है. बर्फ से अंटार्कटिका में बहकर आ रहा पानी लाल रंग का होता है, जो देखकर खून की तरह लगता है. ये अंटार्कटिका का वो क्षेत्र है जहां सूरज की रोशनी महीनों तक नहीं पड़ती. चलिए आज इस खूनी झरने के रहस्य के बारे में जानते हैं.


यहां बहता है खूनी झरना


अंटार्कटिका में जहां तापमान -98 डिग्री पहुंच जाता है वहां लाल रंग का बहने वाला झरना हर किसी को आश्चर्य में डाल देता है. ये झरना वैज्ञानिकों को साल 1911 में मिला था. वैज्ञानिक बर्फ में से निकलने वाले इस लाल झरने को देखकर हैरान थे. लगभग 100 सालों तक इस झरने को लेकर रिसर्च चलती रही. बहुत से लोगों ने इस झरने को दैवीय प्रकोप माना तो कुछ इसे इतिहास की किसी त्रासदी से जुड़ा मानने लगे. हर कोई इस झरने का लाल रंग देखकर ये समझ नहीं पा रहा था कि आखिर सफेद बर्फ से निकले झरने का पानी खून की तरह लाल कैसे हो सका है. वैज्ञानिकों ने इसका रंग देखकर इसे लाल झरना नाम दिया.


कैसे झरने का पानी हुआ लाल?


वैज्ञानिकों ने कई सालों बाद ये खुलासा किया कि अंटार्किटिका के इस हिस्से में लगभग तीन मील तक लोहे की खदान मौजूद है. जब झील का नमकीन पानी खदानों के उस ऊपरी हिस्से से होकर गुजरता है तो ऑक्सीजन के संपर्क में आने से उसका रंग लाल हो जाता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस पानी में मौजूद आयरन के कण इंसानों के रेड ब्लड सेल्स से 100 गुना ज्यादा छोटे हैं. रिसर्च की मानें तो इस झरने के पानी में लोहे के अलावा सिलिकॉन, एल्युमीनियम, सोडियम और कैल्शियम भी मौजूद है. हैरान करने वाली बात ये है कि इस पानी में लगभग 14-15 लाख सालों से सूक्ष्म जीव रह रहे हैं. इस झरने के पानी और सूक्ष्म जीवों के बारे में लगभग 112 सालों बाद खुलासा हो सका. इस झरने को देखकर ऐसा लगता है मानों इंसानी खून बह रहा है, हालांकि इस झरने को देखने हर कोई नहीं जा सकता, क्यों अंटार्कटिका पृथ्वी की सबसे ठंडी जगहों में से एक हैं, जहां जाना आम लोगों के बस की बात नहीं है.


यह भी पढ़ें: सांसद की छोड़ी सीट पर उपचुनाव का खर्च कौन उठाता है, चुनाव आयोग या वह नेता, कितना पैसा होता है खर्च?