हिंदुस्तान समेत पूरी दुनिया में सर्दी अपने चरम पर है. बाहर निकलते हुए लोग कांप रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दुनिया में एक ऐसी भी जगह है, जहां सबसे ज्यादा ठंडी पड़ती है. दरअसल, हम बात कर रहे हैं अंटार्कटिका की. अंटार्कटिका में सर्दी इतनी ज्यादा पड़ती है कि वहां अगर आप बाहर निकल जाएं तो शरीर जम जाए. लेकिन इसके बावजूद भी अक्टूबर से अप्रैल के बीच इस बर्फीले बियाबान में करीब 1000 से ज्यादा वैज्ञानिक और रिसर्चर काम करते हैं. अब सवाल उठता है कि जब यहां इतनी ज्यादा सर्दी होती है तो यह लोग यहां रह कैसे पाते हैं.


यहां चलती हैं तूफानी हवाएं


अंटार्कटिका का यह क्षेत्र लगभग 140 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. यहां चारों तरफ केवल सफेद बर्फ दिखाई देती है. पूरी सर्दी यहां तेज़ तूफानी बर्फीली हवाएं चलती रहती हैं. यहां ठंड इतनी ज्यादा पड़ती है कि समुद्र का पानी बर्फ बन जाता है और इस वजह से यहां नाव भी नहीं चल पाती. बर्फीली आंधियों की वजह से यहां प्लेन और हेलीकॉप्टर उड़ाना भी लोहे के चने चबाने जैसा होता है.


माइनस 90 डिग्री तक चला जाता है तापमान


इस इलाके में आमतौर पर माइनस 57 डिग्री का तापमान रहता है. सूरज के दर्शन तो कई दिनों तक नहीं होते, पूरे इलाके में इतना सन्नाटा रहता है की घड़ी के सुइयों की भी आवाज आपको साफ-साफ सुनाई दे. कहा जाता है कई बार तो यहां का तापमान माइनस 90 डिग्री तक भी चला जाता है. इसके बावजूद भी यह वैज्ञानिक यहां पर अपने रिसर्च के लिए लगे रहते हैं.


कैसे बचते हैं इतनी सर्दी से


अंटार्कटिका में रिसर्च करने वाले वैज्ञानिक बताते हैं कि वह अपने शरीर को गर्म करने के लिए कई लेयर कपड़े पहनते हैं, इसके साथ ही वह इस तरह का खाना खाते हैं जो उन्हें अंदर से गर्म रखे. फिजिकल एक्टिविटी भी ये वैज्ञानिक खूब करते हैं. दरअसल, यह लोग ऐसे कपड़े पहनते हैं जो पूरी तरह से वाटर और एयर प्रूफ होते हैं. इसकी वजह से होता यह है कि बॉडी हीट अंदर ही रह जाती है और वह बाहर नहीं निकलती. इसके साथ ही खुद को गर्म रखने के लिए इनके पास कई अत्याधुनिक चीजें भी मौजूद रहती हैं.


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