Carl Gustaf M4 Rifle: पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसी मुल्कों से भारत को हमेशा से खतरा रहा है. यही वजह है कि भारत लगातार अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाने का काम कर रहा है. इसी बीच एक ऐसी खबर आई है, जिससे भारत के दुश्मनों की नींद उड़ सकती है. बताया गया है कि स्वीडन की कंपनी SAAB को भारत में डिफेंस सेक्टर का पहला सौ फीसदी एफडीआई मिला है. जिसके बाद सबसे पहले दुनिया का एक खतरनाक हथियार भारत में तैयार किया जाएगा. इस हथियार का नाम कार्ल गुस्ताफ एम 4 (Carl Gustaf M4) है. ये ऐसा हथियार है, जिससे कई अलग-अलग तरह के गोले दागे जा सकते हैं.


कैसे काम करता है हथियार
स्वीडन की कंपनी की तरफ से तैयार किया जाने वाला ये हथियार दुश्मनों के टैंकों के लिए काल बन सकता है. इसके लिए सिर्फ दो लोगों की जरूरत होती है, एक इसे कंधे में रखकर फायर करता है और दूसरा लोड करने वाला होता है. ये एक तरह का रॉकेट लॉन्चर है, जो दुश्मन की किसी भी गाड़ी या टैंक को चुटकी में उड़ा सकता है. ये एक रिकॉयललेस रायफल है. कार्ल गुस्ताफ एम 4 के इससे पहले तीन वेरिएंट आ चुके थे, जिनमें एम-1, एम-2 और एम-3 शामिल थे. एम-3 का प्रोडक्शन पहले से ही भारत में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में हो रहा है. कार्ल गुस्ताफ का इस्तेमाल भारतीय सेना 1970 से कर रही है.


हथियार की क्या है ताकत
इस खतरनाक और कारगर हथियार को SAAB एफएफवी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड तैयार करेगी. बताया जा रहा है कि हरियाणा में ये कंपनी अपनी फैक्ट्री शुरू करने जा रही है. साल 2024 तक पहला हथियार तैयार हो जाएगा. इन हथियारों की सप्लाई सीमा पर तैनात भारतीय सेना के जवानों को होगी. खड़ी गाड़ी में 500 मीटर और चलते हुए वाहन पर 400 मीटर की दूरी से ये हथियार सटीक तरीके से वार कर सकता है. इसमें अलग-अलग रॉकेट लगाए जा सकते हैं, जिनकी रेंज 2 हजार मीटर तक हो सकती है.



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