Bangladesh Government Crisis: अफगानिस्तान से लेकर बांग्लादेश तक... जानें दुनिया के किन देशों में हो चुका है तख्तापलट
बांग्लादेश की स्थिति गंभीर होने के बाद पीएम शेख हसीना ने इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया है. क्या आप जानते हैं कि अफगानिस्तान समेत किन और देशों में इस तरह से तख्तापलट हो चुका है.
बांग्लादेश की स्थिति गंभीर हो चुकी है. प्रदर्शनकारी सोमवार को ढाका स्थित पीएम आवास में घुस चुके हैं. वहीं पीएम शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. जानकारी के मुताबिक पीएम शेख हसीना इस्तीफा देकर सेना के विशेष हेलिकॉप्टर से भारत के लिए रवाना हो गई हैं. आपको याद होगा इससे 2021 में तालिबान ने जब अफगानिस्तान में अपने नियंत्रण में सब कुछ लिया, उस वक्त राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी देश छोड़कर भाग गए थे. क्या आप जानते हैं कि इसके अलावा और किन देशों में तख्तापलट हो चुका है.
बांग्लादेश
बांग्लादेश में अभी के समय सब कुछ बदल चुका है. प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास से लेकर देश के सभी महत्वपूर्ण जगहों पर पहुंच चुके हैं. विरोध प्रदर्शन के कारण पीएम शेख हसीना को पद से इस्तीफा देकर देश छोड़कर भागना पड़ा है. बांग्लादेश में इस समय भीषण आगजनी और हिंसा के बीच हालात बेहद खराब हो गए हैं. इतना ही नहीं लोग सड़कों पर उतरकर जगह-जगह सभी सरकारी संपत्तियों को आग के हवाले के कर रहे हैं.
अफगानिस्तान
आपको याद होगा कि 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान का कंट्रोल आने के बाद पूर्व राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी को भी देश छोड़कर भागना पड़ा था. जिसके बाद वो संयुक्त अरब अमीरात जा पहुंचे थे. इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके बताया था कि उन्होंने मानवीय आधार पर राष्ट्रपति ग़नी और उनके परिवार का अपने देश में स्वागत किया है.
इन नेताओं ने छोड़ा अपना देश
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी पाए जाने के बाद देश छोड़ दिया था. बता दें कि 1999 में एक तख्तापलट में निर्वाचित नवाज शरीफ सरकार को गिराने के बाद मुशर्रफ ने खुद को पाकिस्तान का राष्ट्रपति घोषित किया था. इसके बाद वो अगस्त 2008 तक इस पद पर थे.
जर्मनी, एरिक होनेकर
एरिक होनेकर 1971 से पूर्वी जर्मनी के कम्युनिस्ट नेता थे. होनेकर ने पूर्वी जर्मनी पर शासन किया था. वह सोवियत संघ के प्रति अपनी वफादारी में अडिग थे और एक एकीकृत जर्मनी के विचार का कड़ा विरोध करते थे. होनेकर के शासन के दौरान पश्चिम बर्लिन में दीवार पार करने की कोशिश करते समय अनुमानित 125 पूर्वी जर्मन मारे गए थे. इसके बाद शीत युद्ध के दौर में कई अपराधों में अपने ऊपर मुकदमा चलने से बचने के लिए वह अपनी पत्नी के साथ मास्को भाग गए थे. हालांकि 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद उन्हें वापस जर्मनी भेज दिया गया था. इसके बाद बर्लिन पहुंचने पर उन्हें हिरासत में लिया गया और गिरफ्तार कर लिया गया था.
रोमानिया
निकोले सेउसेस्कु की सरकार को पूर्वी यूरोप में सबसे अधिक दमनकारी माना जाता था. उनकी गुप्त पुलिस पर बड़े पैमाने पर निगरानी, गंभीर दमन और मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाया गया था. लेकिन दिसंबर 1989 में देश में उनके खिलाफ विरोध तेज हुआ था और अधिकांश सेना भी इस क्रांति में शामिल हो गई थी. उस दौरान उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करने की कोशिश की थी, लेकिन लोगों नें उन पर पत्थर फेंके तब उन्हें एक इमारत में शरण लेना पड़ा था. उस दौरान वो इमारत की छत पर पहुंचे और वहीं से अपनी पत्नी के साथ हेलीकॉप्टर में देश छोड़कर भाग गए थे. लेकिन सेना ने रोमानियाई हवाई क्षेत्र को बंद करके उनके हेलीकॉप्टर को उतरने का आदेश दिया था. इसके बाद सेउसेस्कु और उसकी पत्नी को पुलिस ने पकड़ लिया और सेना के हवाले कर दिया था.
फर्डिनेंड मार्कोस, फिलीपींस
फर्डिनेंड मार्कोस ने 1966 से 1986 तक फिलीपींस के राज्य के प्रमुख के रूप में कार्य किया था. अपने शासन के दौरान उन्हें भ्रष्टाचार और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के दमन के लिए आलोचना का सामने करना पड़ा था. मार्कोस को फिलीपींस के इतिहास में एक क्रूर शासक के रूप में जाना जाता है. 1972 में उन्होंने मार्शल लॉ लागू किया था और 1986 तक सत्ता से बेदखल होने तक क्रूर तानाशाह के रूप में सरकार चलाई थी. उनके शासनकाल में पुलिस हिरासत में 3257 हत्याएं, 35,000 से ज्यादा लोगों को टॉर्चर किया गया और 70 हजार लोगों को कैद कर लिया गया था. लेकिन फरवरी 1986 के अंत में मार्कोस और उनका परिवार अमेरिकी वायु सेना के विमान से गुआम और हवाई चला गया था.
ये भी पढ़ें: पहली बार शेख हसीना की 'मदद' नहीं कर रहा भारत, 1975 में भी दी थी सिर छिपाने के लिए छत