APJ Abdul Kalam Death Anniversary: भारत के पहले बैचलर प्रेसिडेंट थे डॉक्टर अब्दुल कलाम, काफी कम लोग जानते हैं ये बात
एपीजे अब्दुल कलाम ने देश को बहुत कुछ दिया, लेकिन क्या आप जानते हैं कि वो देश के पहले बैचलर राष्ट्रपति थे. चलिए उनसे जु़ड़ी खास बातें जानते हैं.
APJ Abdul Kalam 8th Death Anniversary: डॉ अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम, बड़ों के लिए कलाम साहब तो बच्चों के लिए अंकल कलाम थे. वहीं दुनिया उन्हें मिसाइल मैन के रूप में जानती है. साइंस की दुनिया में उन्होंने जितना नाम कमाया, राजनीतिक गलियारों में भी उन्हें उतना ही प्यार मिला. उन्हें पीपुल्स प्रेसीडेंट के रूप में जाना जाता था. उनकी पूरी जिंदगी प्रेरणा से भरी हुई है. उन्होंने अखबार बेचने से अपना काम शुरू किया जो देश के पहले बैचलर राष्ट्रपति बनने तक चला. चलिए आज उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ खास बातें जानते हैं.
गरीब परिवार में हुआ जन्म
एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम के धनुषकोडी गांव में 15 अक्टूबर 1931 को एक गरीब परिवार में हुआ था. उनका बचपन संघर्षों से भरा रह. डा. कलाम हमेशा सीखने की कला को महत्व देते थे. वो बचपन में अखबार बेचते थे, क्योंकि उनके परिवार के पास ज्यादा पैसे नहीं थे और उनके पिता जैनुलाब्दीन ज्यादा पढ़े लिखे नहीं थे. वहीं कलाम साहब के 4 भाई बहन भी थे.
कैसा था प्रारंभिक जीवन?
डा. अब्दुल कलाम ने पांच साल की उम्र में पढ़ना शुरू कर दिया था. उन्होंने रामेश्वरम ने शुरुआती शिक्षा प्राप्त की. कलाम साहब को उड़ना बहुत पसंद था जैसे खुले आसमान में चिड़िया उड़ती है, इसके बाद कलाम साहब ने तय कर लिया था कि उन्हें विमान विज्ञान के क्षेत्र में जाना चाहिए. उन्हें बनना तो पायलट था लेकिन ईश्वर ने उनके लिए कुछ और ही सोच कर रखा था.
उन्होंने 1950 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई पूरी की. बैचलर की पढ़ाई के बाद उन्होंने भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान में एंट्री ली. यहां उन्होंने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
पहले अविवाहित राष्ट्रपति
डॉ कलाम 18 जुलाई 2002 को देश के 11वें राष्ट्रपति बने. बता दें वो देश के पहले ऐसे राष्ट्रपति थे जिन्होंने शादी नहीं की थी. देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचने के बाद भी उनके स्वभाव में कोई बदलाव नहीं आया और इसी बदौलत उन्हें जनता के राष्ट्रपति की उपाधि मिली. उन्होंने राष्ट्रपति भवन के दरवाजे जनता के लिए खोल दिए. कई बार तो राष्ट्रपति भवन में उनके साथ कोई आम व्यक्ति या फिर किसान खाना खा रहा होता था. आम व्यक्ति से वो हमेशा जुड़े रहे. कलाम साहब 2007 तक राष्ट्रपति रहे. 27 जुलाई यानी आज ही के दिन कलाम साहब ने 84 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया था.
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