इन दिनों चारधाम यात्रा की कुछ वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर खासी वायरल हैं, जिनमें भक्तों की भीड़ कुछ इस तरह नजर आ रही है कि लोगों का वहां से निकल पाना बेहद मुश्किल नजर आ रहा है. श्रद्धालुओं को तो भारी अव्यवस्था का सामना करना ही पड़ रहा है, साथ ही सरकार के भी भीड़ को संभालने में पसीने छूट गए हैं. फिलहाल चारधाम यात्रा के लिए लोगों से न आने की अपील की जा रही है.


यात्रा के लिए लाखों लोगों का रजिस्ट्रेशन भी किया गया. हालांकि फिलहाल चारधाम यात्रा में कुछ समय के लिए रजिस्ट्रेशन रोक दिया गया है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर इस यात्रा में रजिस्ट्रेशन की लिमिट कितनी है.


कितनी है चारधाम यात्रा में रजिस्ट्रेशन की लिमिट?


चारधाम यात्रा इस बार 10 मई से शुरू हुई है. कहा जा रहा है कि इस बार चारधाम यात्रा के लिए लाखों रजिस्ट्रेशन हुए हैं. हालांकि इस यात्रा के लिए सरकार ने अधिकतम रजिस्ट्रेशन की सीमा पहले से ही तय कर दी थी. सरकार के अनुसार, प्रतिदिन तय सीमा के मुताबिक ही श्रद्धालुओं को दर्शन करने थे.


ऐसे में सवाल ये आता है कि फिर इतनी अव्यवस्था क्यों और आखिर सरकार ने श्रद्धालुओं की कितनी सीमा तय की थी? तो बता दें कि सरकार द्वारा तय सीमा की बात करें तो यमुनोत्री के लिए 9 हजार, गंगोत्री के लिए 11 हजार, केदारनाथ के लिए 18 हजार और बद्रीनाथ के लिए 20 हजार श्रद्धालुओं के प्रतिदिन रजिस्ट्रेशन की लिमिट तय थी. हालांकि सरकार ने श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए फिलहाल रजिस्ट्रेशन रोक दिए हैं.


कुछ समय में ही फुल हो गई थी हेलीकॉप्टर बुकिंग


चारधाम यात्रा में हेलीकॉप्टर बुकिंग का ऑप्शन भी रहता है, जिसके जरिए आसानी से चारधाम यात्रा की जा सकती है, लेकिन चारधाम यात्रा शुरू होने के कुछ समय बाद ही हेलीकॉप्टर बुकिंग भी फुल हो गई थी. ऐसे में जो लोग हेलीकॉप्टर से चारधाम यात्रा करने का सोच रहे थे उन्हें भी पैदल मार्ग ही अपनाना पड़ा.


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