क्या मधुमक्खियां खत्म हो रही हैं, क्या इसका असर इंसानों की जिंदगी पर भी होगा?
अमेरिका में 2006 के बाद से “कोलनी कोलैप्स डिसऑर्डर (CCD)” नाम की बीमारी के कारण मधुमक्खियों की संख्या में भारी गिरावट देखी गई. इस बीमारी से पूरी मधुमक्खी कॉलोनी खत्म हो जाती है.
इंटरनेट पर इन दिनों एक पोस्ट वायरल हो रहा है, जिसमें लिखा है कि अल्बर्ट आइंस्टीन (Albert Einstein) ने एक बार कहा था कि अगर धरती से मधुमक्खियां गायब हो जाएं तो इंसान सिर्फ 4 या 5 साल ही जिंदा रहेगा. सोशल मीडिया साइट कोरा (Quora) पर आपको इससे रिलेटेड कई पोस्ट मिल जाएंगे.
हालांकि, जब हमने इस पर पड़ताल की तो हमें अल्बर्ट आइंस्टीन का ऐसा कोई कोट कहीं नहीं मिला. लेकिन, इस पड़ताल के दौरान ये बात जरूर पता चली की धरती से मधुमक्खियां विलुप्त हो रही हैं. इनके विलुप्त होने से इंसान भले ना मरें, लेकिन धरती के इकोसिस्टम पर इसका प्रभाव जरूर पड़ेगा. चलिए आज इस खबर में जानते हैं कि आखिर मधुमक्खियां विलुप्त क्यों हो रही हैं.
मधुमक्खियां गायब हो रही हैं
मधुमक्खियां कितनी तेजी से गायब हो रही हैं, इसका अंदाजा आप अपने आसपास से ही लगा सकते हैं. कुछ वर्षों पहले तक आपको हर तरफ फूलों पर मधुमक्खियां मंडराती दिख जाती थीं, लेकिन अब ऐसा नहीं दिखाई देता. वैज्ञानिकों और कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, मधुमक्खियों की संख्या में गिरावट आज वैश्विक समस्या बन चुकी है.
मधुमक्खियां गायब क्यों हो रही हैं
इसके पीछे कई कारण हैं. इसमें से एक कारण है सीसीडी बीमारी. इसे ऐसे समझिए कि अमेरिका में 2006 के बाद से “कोलनी कोलैप्स डिसऑर्डर (CCD)” नाम की बीमारी के कारण मधुमक्खियों की संख्या में भारी गिरावट देखी गई. बड़ी बात ये है कि ये बीमारी सिर्फ एक मधुमक्खी की जान नहीं लेती. बल्कि इस बीमारी में पूरी मधुमक्खी कॉलोनी खत्म हो जाती है.
वहीं भारत जैसे देश में कृषि क्षेत्र में कीटनाशकों का अधिक प्रयोग, खासतौर से नियोनिकोटिनॉइड (Neonicotinoid) जैसे कीटनाशक, जो मधुमक्खियों की नस्लों को प्रभावित करते हैं, मधुमक्खियों को खत्म कर रहा है. इसके अलावा, पर्यावरणीय बदलाव और प्राकृतिक आवासों का नुकसान भी मधुमक्खियों के लिए खतरे का कारण बन रहा है.
ये परजीवी भी मधुमक्खियों को खत्म कर रहे हैं
मधुमक्खियों के अंत का कारण सिर्फ रोग नहीं है, बल्कि परजीवियों से भी इनकी संख्या प्रभावित हो रही है. खासतौर से वैरोआ माइट (Varroa Mite) जैसे परजीवी. ये मधुमक्खियों को संक्रमित कर उनके जीवन चक्र को बाधित कर देते हैं. इसके कारण मधुमक्खियों की पूरी कॉलोनी कमजोर हो जाती है और अंत में खत्म होने की कगार पर आ जाती है.
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