आपन टीवी पर कई कंपनियों के ऐड देखे होंगे जिसमें टूथपेस्ट कंपनियां अपने ग्राहकों से पूछती हैं कि क्या आपके टूथपेस्ट में नमक है. ऐसा करके वो बताना चाहते हैं कि उनके टूथपेस्ट में नमक है और ये सबसे अच्छा है. अब सवाल उठता है कि क्या सच में टूथपेस्ट में नमक होता है. इसके साथ ही एक सवाल ये भी उठता है कि टूथपेस्ट में नमक होना कितना लाभदायक है, और इसका असर हमारे दांतों पर कैसे होता है.


सबसे पहले जानिए टूथपेस्ट का अविष्कार कब हुआ?


इतिहासकारों का मानना है कि टूथपेस्ट का अविष्कार टूथब्रश के अविष्कार से पहले ही हो गया था. दरअसल, मिस्र के लोगों ने लगभग 5 हजार ईसा पूर्व अपने दांतों को साफ करने के लिए एक पेस्ट बनाया था. हालांकि, उस वक्त इसे टूथपेस्ट के नाम से नहीं जाना जाता था. इसके बाद यूनानी और रोमन लोगों ने इस तरह के टूथपेस्ट का इस्तेमाल किया. जबकि, भारत और चीन की बात करें तो यहां के लोगों ने पहली बार 500 ईसा पूर्व के आसपास टूथपेस्ट का इस्तेमाल करना शुरू किया.


अब समझिए टूथपेस्ट और नमक का खेल


दरअसल, टूथपेस्ट बनाने के लिए कई तरह के केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है. ये केमिकल ही हमारे दांतों की रक्षा करते हैं और उन्हें साफ रखते हैं. जैसे इसमें मिला Abrasives, Fluorides, Detergents and Humectants हमारे दांतों से प्लाक और मलबे को हटाने में मदद करते हैं, जबकि ‘फ़्लोराइड’ दांतों पर इनेमल को मज़बूत करके कैविटी को रोकने में मदद करता है. वहीं इसमें मौजूद डिटर्जेंट टूथपेस्ट में झाग लाने का काम करता है.


जबकि इसमें मौजूद ‘ह्यूमेक्टेंट्स’ टूथपेस्ट को सूखने नहीं देता. इन सब के अलावा नमक भी टूथपेस्ट में मिला होता है और हमारे दांतों के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. नमक का सबसे बड़ा काम होता है, मुंह में लार को बढ़ाना. ऐसा होने से मुंह के कीटाणु खत्म हो जाते हैं. इसके अलावा नमक दांतों में मौजूद प्राकृतिक एनामेल को कैल्सियम और फ्लोराइड के प्रति ज़्यादा सेंसटिव बनाता है और नमक में मसूड़ों की सूजन और जलन को कम करने की शक्ति होती है. यानी कुल मिलाकर कहें तो नमक हमारे टूथपेस्ट का अहम अंग है.


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