देश में एक बार फिर से किसानों की चर्चा लगातार हो रही है. क्योंकि पंजाब, हरियाणा और उत्‍तर प्रदेश समेत देश के कई राज्‍यों से दिल्‍ली की ओर बढ़ रहे किसानों को अलग-अलग जगहों पर रोक दिया गया है. बता दें कि एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत कई मांगों को लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसा किस्सा बताने वाले हैं, जब एक किसान नेता ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की जनसभा में शेर छोड़ दिया था. आपको भी ये सुनकर थोड़ा अजीब लग रहा होगा, लेकिन ये एक सच्ची घटना है. 


किसान नेता बिहारी सिंह बागी


उत्‍तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले में दादरी के किसान नेता बिहारी सिंह बागी को इंदिरा गांधी का काफी करीबी माना जाता था. वहीं किसान आंदोलनों में सबसे आगे रहने के कारण दादरी क्षेत्र के लोग बिहारी सिंह को बहुत पसंद भी करते थे. जानकारी के मुताबिक वह दादरी विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने इंदिरा गांधी से टिकट भी मांगा था, लेकिन इंदिरा गांधी उस समय चौधरी चरण सिंह के मुकाबले एक किसान नेता तैयार करना चाहती थी. उन्‍होंने बागपत से सांसद रामचंद्र विकल को सांसद रहते हुए यूपी सरकार में कृषि मंत्री बनवाया था. जिसके बाद इंदिरा गांधी ने बिहारी सिंह की जगह दादरी विधानसभा से रामचंद्र विकल को चुनावी मैदान में उतार दिया था. इससे बिहारी सिंह नाराज थे.


जनसभा में इंदिरा गांधी 


जानकारी के मुताबिक इंदिरा गांधी रामचंद्र विकल को किसी भी तरह से उस सीट से जिताना चाहती थी. इसलिए वह खुद दादरी में रामचंद्र विकल के लिए जनसभा में जाना चाहती थी. वहीं कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने से खफा हुए बिहारी सिंह बागी ने दादरी सीट से निर्दलीय प्रत्‍याशी के तौर पर मैदान में उतर गए थे. जब ये सूचना बिहारी सिंह को मिली कि इंदिरा गांधी खुद विकल के चुनाव प्रचार के लिए दादरी में जनसभा करेंगी, तो बिहारी सिंह ने उनसे रैली में नहीं आने की चेतावनी दे थी. लेकिन इंदिरा गांधी ने उनकी चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए दादरी पहुंच गई थी. वहीं बिहारी सिंह ने गाजियाबाद में चल रहे एक सर्कस से किराये पर शेर लिया था.


जनसभा में शेर 


बिहारी सिंह बागी को सर्कस से पिंजरे और शेर 500 रुपये किराये पर मिल गया था. इसके बाद बिहारी सिंह ने उसे एक रात कपड़े से ढककर रखा था. वहीं जब इंदिरा गांधी दादरी आकर जनसभा को संबोधित करना शुरू ही किया था, उसी समय बिहारी सिंह ने सभा में पिंजरा खोलकर शेर को छोड़ दिया था. जनसभा में मौजूद भीड़ ने जैसे ही शेर को देखा, वहां पर भगदड़ मच गया था. वहीं भगदड़ मचने पर इंदिरा गांधी 5 मिनट में ही जनसभा को छोड़कर चली गई थी. 


 


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