सेना के डॉग्स को मिलती है इतनी सैलरी, जानें शहीद होने पर क्या मिलता है
सेना में कुत्तों का बहुत अहम रोल होता है, जो देश की रक्षा में तैनात रहते हैं. ऐसे में क्या आप जानते हैं कि सेना में तैनात कुत्तों को कितनी सैलरी मिलती है और शहीद होने पर उन्हें क्या दिया जाता है?
भारतीय सेना में कुत्तों की भी खास भूमिका होती है. कुत्ते न केवल सैनिकों के वफादार साथी होते हैं, बल्कि कई खतरनाक कार्यों में भी उनकी मदद करते हैं. इन कुत्तों को खास प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वो अलग-अलग चुनौतियों का सामना कर सकें. ऐसे में सवाल ये उठता है कि सेना के डॉग्स को उनकी इस बहादुरी के लिए कितनी सैलरी मिलती है? और यदि वो देश की रक्षा में शहीद हो जाते हैं तो उन्हें क्या दिया जाता है? चलिए जानते हैं.
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सेना के कुत्तों को कितनी मिलती है सैलरी?
रिपोर्ट्स के मुतााबिक, सेना में भर्ती कुत्तों को हर महीने किसी तरह का वेतन नहीं दिया जाता. हालांकि सेना में भर्ती कुत्ते की खानपान और रखरखाव की पूरी जिम्मेदारी लेती है. बता दें सेना में भर्ती कुत्ते का जिम्मा उसके हैंडलर के पास होता है. ऐसे में उसके हैंडलर के पास उसे खाना खिलाने से लेकर साफ-सफाई तक का जिम्मा होता है. उनके हैंडलर ही सैन्य अभियान के दौरान उनसे अलग-अलग काम करवाते हैं.
सेना के कुत्तों को शहीद होने पर क्या मिलता है?
सेना के कुत्ते भी कई बार देश की सेवा करते हुए शहीद हो जाते हैं. ऐसे में इनके साथ भी सैनिकों की तरह ही सम्मान किया जाता है. शहीद कुत्ते को अंतिम सम्मान दिया जाता है और उन्हें सैन्य सम्मान के साथ दफनाया जाता है.
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सेना में कुत्तों का क्या होता है रोल?
सेना में कुत्ते कई तरह के काम करते हैं. जैसे भूकंप, बाढ़ आदि जैसी आपदाओं में कुत्ते लोगों को ढूंढने में मदद करते हैं. इसके अलावा कुत्ते बम और अन्य विस्फोटक पदार्थों का पता लगाने में माहिर होते हैं. साथ ही कुत्ते सीमाओं पर गश्त करते हैं और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखते हैं. इसके अलावा कुत्ते किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या वस्तु पर नजर रखने में मदद करते हैं.
सेना में किन नस्लों के कुत्तों को किया जाता है शामिल?
सेना में खास नस्लों के कु्त्तों को शामिल किया जाता है. जिनमें जर्मन शेफर्ड, लाब्राडोर रिट्रीवर, डॉबरमैन, रॉटवेलर जैसी नस्लों के कुत्ते शामिल होते हैं. सेना में हर नस्ल के कुत्ते को अलग-अलग तरह के कामों के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
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