आर्मी, एयरफोर्स और नेवी... अलग-अलग तरीके से क्यों सैल्यूट करते हैं तीनों सेनाओं के जवान?
Army Navy Air Force Salute Types: आर्मी, आर्मी और एयरफोर्स के जवान अलग-अलग तरह से सैल्यूट करते हैं. लेकिन क्यों होता है अलग-अलग तीनों सेनाओं का सैल्यूट. क्या है इसके पीछे कारण.
Army Navy Air Force Salute Types: भारतीय सेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सेना है. भारतीय एयरफोर्स भी दुनिया की चौथी सबसे बड़ी एयर फोर्स है. तो वहीं भारतीय नेवी की बात की जाए तो भारतीय नेवी का स्थान दुनिया में सातवें नंबर पर है. यह तीनों ही सेनाएं देश की अखंडता एकता को कायम रखती हैं. देश के लाखों जवान रात दिन भारत की सुरक्षा में तैनात रहते हैं.
आपने इंडियन आर्मी, इंडियन आर्मी, इंडियन एयरफोर्स के अधिकारियों को और जवानों को सैल्यूट करते हुए देखा होगा. लेकिन अगर आपने गौर किया होगा. तो आपने देखा होगा कि तीनों ही सेना के जवान अलग-अलग तरह से सैल्यूट करते हैं. लेकिन क्यों होता है अलग-अलग तीनों सेनाओं का सैल्यूट.
आर्मी का सैल्यूट
भारत की थल सेना यानी आर्मी के जवान अपने खुले हाथ से उंगलियों और अंगूठे को एक साथ मिलाकर सैल्यूट देते हैं. और बीच वाली उंगली लगभग हैटबैंड या भौंह को छूती है. लेकिन क्या आपको पता है थल सेना इस तरह से सैल्यूट क्यों करती है. थल सेना के इस तरह का सैल्यूट सैनिकों के बीच अनुशासन और विश्वास का प्रतीक होता है. इस सैल्यूट से यह पता चलता है कि जवान के हाथ में कोई हथियार नहीं है. इसके साथ ही यह पता चलता है कि जवान बिना किसी दुर्भावना के सलामी दे रहा है. इस सैल्यूट से पता चलता है जवान युद्ध में मुख्य रूप से कौन कमांडिंग ऑफ़िसर है.
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नेवी का सैल्यूट
इंडियन नेवी यानी भारतीय नौसेना सैल्यूट माथे से 90° के एंगल पर हथेली को जमीन की ओर करके दिया जाता है. नेवी के जवान 90° के एंगल पर ही क्यों सैल्यूट करते हैं. तो इसके पीछे यह वजह है कि पुराने दिनों में डेक पर काम करने वाले जहाज के चालक दल अक्सर ग्रीस, तेल के दाग और गंदगी के बीच रहते थे. इस दौरान अपने सीनियर्स का अपमान करने से बचने के लिए वह अपनी गंदी हथेलियों को जमीन की ओर करके सैल्यूट करते थे. तबसे ही इस तरह सैल्यूट किया जा रहा है.
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एयरफोर्स का सैल्यूट
इंडियन एयरफोर्स यानी भारतीय वायु सेना ने 2006 में अपने कर्मियों के लिए नई सैल्यूट गाइडलाइंस जारी की थी। जिसमें सैल्यूट को जमीन पर 45° पर खुली हथेली के किया जाता है. और दाहिना हाथ काफी कम ऊपर उठाया जाता है. एयरफोर्स के 45° पर सैल्यूट करने को लेकर कारण यह है कि सैल्यूट जमीन से 45° पर किया जाता है जो आसमान की प्रगति को दिखाता है. यह 'प्राइड के साथ आसमान को छूने' के उनके स्लोगन को पूरा करने की तरह है. बता दें पहले, भारतीय वायुसेना की हाथ से सलामी भारतीय सेना की तरह ही होती थी.जो साल 2006 के बदल गई.
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