Arvind Kejriwal News: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पीएमएलए के तहत गिरफ्तार किया गया है. यह गिरफ्तारी दिल्ली में शराब घोटाले को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले को लेकर हुई है. इस मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पहले ही जेल में बंद है. प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने करीब 2 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया. ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल आ रहा है. ईडी के पास कितनी ताकत होती है. क्या पुलिस और सीबीआई की तरह बिना पूछताछ के किसी को गिरफ्तार कर सकती है. चलिए जानते हैं इस सवाल का जवाब.
पुलिस और सीबीआई बिना पूछताछ करती है गिरफ्तार
भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 50 (1) के तहत पुलिस जब किसी को गिरफ्तार करती .है तो उसको गिरफ्तारी की वजह भी बतानी होती है. लेकिन पुलिस किसी को बिना पूछताछ के भी गिरफ्तार कर सकती है. इसके लिए एक प्रक्रिया अपनाई जाती है. पुलिस किसी को भी बिना पूछताछ के तब गिरफ्तार कर सकती है. जब अपराध संज्ञेय हो. ऐसे अपराध में बिना वारंट की गिरफ्तार करने का प्रावधान है.
या फिर पुलिस को इस बात का यकीन हो कि वह इंसान संज्ञेय अपराध करने वाला है. गंभीर अपराधों की श्रेणी में सीबीआई बिना पूछताछ के गिरफ्तार कर सकती है. ऐसे में लोगों के मन में सवाल आता है तो क्या परिवर्तन निदेशालय यानी ईडी के पास भी बिना पूछताछ गिरफ्तारी का अधिकार है.
ED कर सकती है बिना पूछताछ गिरफ्तार?
भारत में ईडी कोई वैधानिक निकाय नहीं है. जिस तरह सीबीआई, लोकपाल, आदि है. यह वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अंतर्गत आने वाली एक जांच शाखा है. लेकिन बावजूद इसके ईडी के पास काफी कानूनी ताकत है. साल 2005 में लागू हुए प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत किसी के बिना वारंट के जांच करने जा सकती है.
किसी की संपत्ति को कुर्क कर सकती है. और साथ ही किसी को बिना पूछताछ के गिरफ्तार भी कर सकती है. पीएमएलए के तहत होने वाले अपराध संज्ञेय होते हैं और ऐसे में एड़ी को या अधिकार होता है कि वह बिना पूछताछ के किसी को भी गिरफ्तार कर ले.
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