दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गुरुवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से जमानत मिल गई थी. लेकिन अब दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई पूरी होने तक इस जमानत पर रोक लगा दी है. फिलहाल इस मामले की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस सुधीर जैन की अदालत में हो रही है. खैर, आज हम इस केस पर नहीं बल्कि देश के तमाम अदालतों पर बात करेंगे. हम आपको बताएंगे कि भारत में कितनी तरह की अदालते हैं और ये कैसे काम करती हैं.
भारत में कितनी तरह की अदालते हैं
भारत में मुख्य रूप से 6 तरह की अदालते हैं. इनके नाम इस तरह से हैं- सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट, डिस्ट्रिक्ट कोर्ट, ट्रिब्यूनल, फास्ट ट्रैक कोर्ट और लोक अदालत. ज्यादातर मामलों की सुनवाई इसी कोर्ट में होती है. चलिए अब आपको बताते हैं कि ये अदालत कैसे काम करते हैं.
सुप्रीम कोर्ट- यह देश की सर्वोच्च न्यायालय है. सुप्रीम कोर्ट अगर किसी मामले में अपना फैसला सुना दे, तो इस फैसले को या तो राष्ट्रपति द्वारा बदला जा सकता है या फिर सुप्रीम कोर्ट की ही किसी बड़ी बेंच द्वारा उस पर फिर से सुनवाई हो सकती है.
हाईकोर्ट- हाईकोर्ट किसी भी राज्य की सबसे बड़ी अदालत होती है. यहां ज्यादातर उन मामलों की सुनवाई होती है, जो निचली अदालत से खारिज हो चुकी होती हैं. हाईकोर्ट अगर किसी केस में कोई फैसला दे दे, तो उसको सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है.
डिस्ट्रिक्ट कोर्ट- डिस्ट्रिक्ट कोर्ट हर जिले में होती है. यहां जिले के अंदर जितने भी मामले होते हैं उनकी सुनवाई होती है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जिस राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत दी थी, वो भी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट है. यहां के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकती है.
ट्रिब्यूनल- ट्रिब्यूनल यानी अर्द्ध-न्यायिक संस्था. इसकी स्थापना इसलिए की गई है, ताकि प्रशासनिक या कर-संबंधी विवादों को हल किया जा सके.
फास्ट ट्रैक कोर्ट- फास्ट ट्रेक कोर्ट यानी स्पेशल कोर्ट. जब किसी मामले में फैसला तेजी से चाहिए होता है तो उस केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में डाल दिया जाता है. फास्ट ट्रैक कोर्ट में ज्यादातर बलात्कार और पॉक्सो के मामलों की सुनवाई होती है.
लोक अदालत- लोक अदालत किसी भी कोर्ट में जाने से पहले का चरण है. दरअसल, जब किसी मामले में दोनो पक्ष मुकदमेबाजी से बचना चाहते हैं और आपस में कुछ शर्तों पर सुलह करना चाहते हैं तो वह लोक अदालत का रुख करते हैं. यहां दोनों पक्षों के बीच समझौता कर मामले को सौहार्दपूर्ण तरीके से निपटाया जाता है.
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