Election Code Of Conduct : लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान, मध्य प्रदेश समेत देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. चुनाव आयोग की बैठक के बाद तारीखों का ऐलान हो जाएगा और इसके बाद से ही आदर्श आचार संहिता भी लागू हो जाएगी. आचार संहिता ये तय करती है कि चुनाव होने तक कौन से काम किए जाएंगे और कौन से काम पूरी तरह से बंद होंगे. खासतौर पर सरकार में शामिल मंत्रियों और विधायकों को लेकर कई तरह के नियम होते हैं, जिनका कई बार उल्लंघन भी होता है और इसकी शिकायत चुनाव आयोग को की जाती है. आज हम आपको यही बताएंगे कि आचार संहिता के बाद मंत्री या विधायक क्या-क्या नहीं कर सकते हैं.
प्रचार के साथ नहीं होगा आधिकारिक दौरा
सबसे पहले तो कोई भी मंत्री अपने आधिकारिक दौरे को प्रचार के साथ नहीं मिला सकता है. प्रचार के दौरान कोई भी विधायक या मंत्री सरकारी तंत्र का इस्तेमाल नहीं कर सकता है. चुनाव आयोग के मुताबिक प्रधानमंत्री को इस बात की छूट दी गई है कि वो प्रचार को अपने आधिकारिक दौरे से मिला सकते हैं.
सरकारी वाहन का चुनाव में नहीं होगा इस्तेमाल
सरकार में शामिल कोई भी मंत्री या विधायक सरकारी गाड़ियों या फिर हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल भी चुनावी फायदा लेने के लिए नहीं कर सकता है. हालांकि वो चुनाव के दौरान घर से दफ्तर तक जाने के लिए अपने सरकारी वाहन का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके अलावा केंद्र सरकार में शामिल कोई भी मंत्री या राज्य सरकार में शामिल मंत्री किसी भी चुनाव से जुड़े अधिकारी को किसी भी तरह की चर्चा के लिए नहीं बुला सकता है. इसके अलावा कोई पदाधिकारी भी किसी मंत्री से उसके निजी दौरे के वक्त निर्वाचन क्षेत्र में मुलाकात नहीं कर सकता है.
राज्य दिवस समारोह में किसी मंत्री या फिर मुख्यमंत्री के हिस्सा लेने पर प्रतिबंध नहीं है, बशर्ते वो इस दौरान कोई राजनीति भाषण न दें. इसका कोई तस्वीरों वाला विज्ञापन भी जारी नहीं किया जा सकता है. चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद कोई भी मंत्री अपने विवेकाधीन कोष से भुगतान नहीं कर सकता है. इसके अलावा बजट जारी करने का कोई वादा भी नहीं किया जा सकता है और किसी नई योजना की घोषणा भी नहीं की जा सकती है.
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